प्रेम के भूखे है भगवान: सुनील महाराज
जोधपुर। बांवरला स्थित रामदेव मन्दिर परिसर में चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से कथा वाचक संत सुनील महाराज ने कहा कि नारायण की भक्ति में ही परम आनंद आता है। उसकी वाणी सागर का मोती बन जाती है। वह ईश्वर के रस में डूब जाता है। भगवान प्रेम के भूखे हैं।
उन्होंने कहा कि वासनाओं का त्याग करके ही प्रभु से मिलन संभव है। वासना को वस्त्र की भांति त्याग देना चाहिए। भगवत कथा का जो श्रवण कहता है उसके पास भगवान का आशीर्वाद बना रहता है। कथा में सुनील महाराज ने चौसठ योगिनी रे देवी रे आंगणिये रमजाय सुन्दर भजन सुनाया और कहा कि भगवती आद्या शक्ति की लीलाएं अनंत है सभी लीलाएं भक्तों को आनंद प्रदान करती है। संसार में सभी प्राणियों के लिए मातृभाव की महती महिमा है। मानव अपनी सबसे अधिक श्रद्धा स्वाभाविक रूप से माता के ही चरणों में अर्पित करता है। कथा प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक होती है और कथा की पूर्णारति 21 मार्च को होगी। इस अवसर पर पूर्व सरपंच हरभजराम विश्नोई, जालमसिंह, मुकनाराम जाणी, हीराराम विश्नोई सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।