वेबिनार में वक्ताओं ने खुलकर रखे विचार
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। वैश्विक महामारी कोविड 19 से आज पूरी दुनिया परेशान हैं लेकिन विकट से विकट परिस्थितियों में भी मनुष्य अपनी सकारात्मक सोच, मेहनत और आत्मविश्वास से अपना भाग्य स्वयं ही संवारता है। कोरोना के इस भयावह काल में हमें समय के अनुरूप नई वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर शिक्षा, समाज और संस्कृति को आगे बढाना होगा। सकारात्मक सोच और वैज्ञानिक तकनीक से ही इस महामारी से बचाव संभव है। यह विचार जेएनवीयू के कुलपति प्रोफेसर पीसी त्रिवेदी ने जेएनवीयू, समाज विज्ञान एवं मानविकी एसोसिएशन तथा रॉयल विश्वविद्यालय भूटान के संयुक्त तत्वावधान में महामारी के नये स्वरूप का समाज और संस्कृति पर सकारात्मक प्रभाव विषयक आयोजित अंतरराष्ट्रीय बेविनार में अपने मुख्य उदबोधन में व्यक्त किये। जेएनवीयू अंग्रेजी विभाग की सहायक आचार्य एवं अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की संयोजक डॉ. विभा भूत ने बताया कि समाज विज्ञान एवं मानविकी एसोसिएशन तथा के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि समाज विज्ञान इस बात का प्रमाण है कि जब-जब देश और दुनिया में मानव पर संकट आया है तब-तब मानव ने साहस और धैर्य से उसका मुकाबला किया है। कोविड 19 का भी हमें सकारात्मक सोच और सावधानीपूर्वक मुकाबला करना है। मुख्य वक्ता के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टेडी ऑफ इंग्लिश के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अशोक थारोट पूना ने कहा कि प्रत्येक वैश्विक महामारी का मानव मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के प्रभाव देखने को मिलते है मगर इस विकट परिस्थिति में हम सबको संकीर्ण मानसिकता का त्याग कर मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं को निभाना चाहिए। जेएनवीयू की पूर्व कलां संकाय अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ सुधि राजीव जयपुर ने समाज और संस्कृति पर कोविड-19 के पड़े प्रभाव को उजागर करते हुए अपनी साहित्यिक रचनाओं द्वारा समाज में शुद्ध विचारों के क्रियान्वयन पर जोर दिया। रॉयल विश्वविद्यालय भूटान के प्रोफेसर (डॉ.) चित्रा एस. ने वैश्विक महामारी के युवाओं की बढती जिम्मेदारी पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सभी युवाओं को अपने दायित्व का निर्वाह निष्ठापूर्वक करने चाहिए। यॉनफूला केंद्रीय महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ राजश्री बारगोहेंन ने वैश्विक महामारी के दरम्यान रखने वाली महत्वपूर्ण सावधानियों पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के प्रारंभ में जेएनवीयू की सहायक आचार्य एवं अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की संयोजक डॉ. विभा भूत ने सभी अतिथियों का स्वागत कर परिचय दिया। वेबिनार के सचिव डॉ. सयान डे ने अपने उदबोधन में पारिवारिक और सामाजिक एकता पर बल देते हुए सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में देश विदेश के तीन हजार से अधिक शिक्षको एवं शोधार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाकर ऑनलाइन फेसबुक तथा यूट्यूब के मार्फत भाग लिया। संचालन डॉ. विभा भूत ने किया।