मानवीय मूल्यों का आधार स्तम्भ है भारतीय संविधान – राज्यपाल

  •  एक हजार से अधिक लोग जुडे इस वीडियों क्रॉन्फ्रेन्स में  तकनीकी शिक्षा और मानव मूल्य पर वेबीनार

सेवा भारती समाचार 

जयपुर । राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने भारतीय संविधान को मानवीय मूल्यों का आधार स्तम्भ बताया है। उन्होेंने कहा कि संविधान में प्रदत्त मूल कत्र्तव्यों में सभी मानवीय मूल्य समाहित है। युवा पीढी इन कत्र्तव्यों के अनुरूप अपने जीवन का संचालन करें तो निश्चित रूप से समाज, प्रदेश और देश निरन्तर प्रगति करेगा। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र सोमवार को यहां राजभवन से तकनीकी शिक्षा और मानव मूल्य पर आधारित वेबीनार को सम्बोधित कर रहे थे। इस वेबीनार का आयोजन बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने किया। वेबीनार से प्रदेश भर के एक हजार से अधिक छात्र, छात्राएं, अभिभावक और अन्य सम्भागी जुड़े। नैतिक मूल्याें का आधार संविधान – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कत्र्तव्यों का वाचन किया। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में नैतिक मूल्य समाहित है। युवाओं को संविधान में प्रदत कर्तव्यों को अपने आचरण में लाना होगा।
सात पापों से बचेें – राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सात कर्मों को पाप करार दिया था। हमें इन पापों से दूर रहना होगा। राज्यपाल ने कहा कि कर्म विहिन धन, मानवता विहिन विज्ञान, सिद्वांत विहिन राजनीति, नैतिकता विहिन व्यापार, अंतरआत्मा विहिन सुख, चरिश विहिन ज्ञान और त्याग विहिन पूजा मानव जीवन के लिए निरर्थक है। उन्होंने कहा कि इन पापों से दूर रहे और राष्ट्र के विकास में भागीदार बने।
नैतिकता शिक्षा का अहम अंग- राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि नैतिकता का शिक्षा में होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मालवीय जी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रारम्भिक उद्ेश्यों में नैतिकता और धर्म को शिक्षा से जोडा था। श्री मिश्र ने कहा कि नैतिकता मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे शिक्षा का अहम अंग माना जाता है।
कोविड-19 परिवर्तन का दौर – राज्यपाल ने कहा कि कोविड – 19 ने मानव जीवन में बहुत कुछ बदलाव किया है। इस दौर के बाद ऑन लाइन शिक्षा आवश्यकता बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन इस बीमारी का स्थाई समाधान नहीं है, इसलिए हमें अनंसंधान करने होंगे ताकि इस बीमारी से राहत के लिए स्थाई समाधान निकल सके। राज्यपाल ने कहा कि अब जीवन को नये तरीके से जीने के रास्ते तलाशने होंगे।
अध्ययन के क्षेत्र अलग लेकिन मानव मूल्य एक- कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा कि शिक्षा में अध्ययन के क्षेत्र अलग-अलग है लेकिन मानव मूल्य मानव जीवन के लिए एक समान है। उन्होंने कहा कि मानव मूल्यों की समझ के लिए शिक्षा का होना आवश्यक है।
समाज से उत्पीड़न के खात्मे के लिए आवश्यक हैं मानव मूल्य- कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि समाज से उत्पीड़न का खात्मा मानव मूल्यों से ही हो सकता है। यह मानव मूल्य ही समाज की प्रगति के वाहक हैं। वेबीनार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एच डी चारण ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्द राम जायसवाल भी मौजूद थे। वेबीनार की प्रारम्भिक जानकारी श्रीमती अलका स्वामी ने दी और श्री वाई एन सिंह ने आभार ज्ञापित किया।


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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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