देश की खुशहाली की कामना को लेकर निकाली जा रही है पदयात्रा : पूर्व महारानी
जोधपुर से रामदेवरा पदयात्रा का दूसरा दिन : अनेक स्थानों पर उत्साह व अपणायत के साथ स्वागत सत्कार
जोधपुर। सैनाचार्य स्वामी अचलानंद गिरि महाराज के सान्निध्य व महारानी हेमलता राजे के नेतृत्व में पैदल यात्रियों का संघ गोयलों की ढाणी से दूसरे पड़ाव बालरवा के लिए रवाना हुआ। सुबह 6 बजे पूर्व महारानी व सैनाचार्य ने आरती की, तत्पश्चात बाबा के जयकारों के साथ संघ रवाना हुआ। लगभग 18 किमी का सफर पूरा करने में 7 घंटे का समय लगा।
कार्यक्रम संयोजक सुरेश बुगालिया ने बताया कि ग्रामीणों में इस पदयात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। पग-पग पर ग्रामीणों ने पदयात्रियों के स्वागत में पलक पावड़े बिछाए।
इस मौके इंद्रोका गांव में 36 कौम की ओर से स्वागत समारोह एवं धर्मसभा हुई। धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूर्व महारानी ने राजपूत समाज से सभी जातियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया। उन्होंने मातृ शक्ति से समाज उत्थान में आगे आने का आह्वान करते हुए बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
इस दौरान पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से सैनाचार्य ने मातृ शक्ति को पौधे वितरित कर पौधों का संतान की भांति पोषण करने का आह्वान किया। पूर्व महारानी व सैनाचार्य ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य देश के खुशहाली की कामना है। इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं हैं। धर्मसभा को संबोधित आशापुरा माताजी ट्रस्ट के अध्यक्ष करणसिंह उचियारड़ा ने खींची समाज के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान अचलदास खीची स्मारक के फोल्ड का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में त्रिभुवनसिंह राजवी, जसवंतसिंह इंदा, भंवरसिंह, अमानसिंह, कैप्टन हेमसिंह आदि मौजूद थे।
सैनाचार्य के प्रतिनिधि रघुवीरसिंह भदावत व मदन सैन ने बताया कि बालरवा में 200 से ज्यादा बालिकाओं ने पंक्तिबद्ध अनुशासित रूप से खड़े रहकर पदयात्रियों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। वहीं नारवा में श्रवण सैन व बालरवा में दिलीप सैन के नेतृत्व में स्वागत समारोह हुआ। वहीं शाम 7 बजे से पड़ाव स्थल पर भजन संध्या हुई, जिसमें ख्यातनाम कलाकारों ने भक्तिरस की सरिता बहाई। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह 6 बजे आरती के बाद संघ अगले पड़ाव घेवड़ा के लिए प्रस्थान करेगा।