मारवाड़ को मुगलों से बचाने में खींची की अहम भूमिका: गजसिंह

वीर शिरोमणी मुकनदास खींची की 391वीं जयंती मनाई

जोधपुर। वीर शिरोमणी मुकनदास खींची की 391वीं जयंती गजसिंह विश्राम गृह में समाज के प्रबुद्धजनों ने उत्साह के साथ मनाई। मुकनदास खींची की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर व दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा से उन्हें याद किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नरेश गजसिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि मारवाड़ को मुगलों से बचाने व तत्कालीन महाराजा अजयसिंह को औरंगजेब के चंगुल से बचाकर सुरक्षित लाने में वीर शिरोमणी मुकनदास खींची की अहम भूमिका रही। गोराधाय व जयदेव पुरोहित के साथ मिलकर मुगलों के चंगुल से बचाकर सुरक्षित कालन्दरी लाकर मुकनदास खींची ने साधु की वेषभूषा में रहकर बारह वर्षों तक अजयसिंह को शिक्षा से क्षत्रियत्व गुणों से निपुण किया और महाराजा का शासन ग्रहण करवाकर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। ऐसा उदाहरण आपको वापस इस सृष्टि में मिल नही सकता। आईएएस अधिकारी शक्तिसिंह राठौड़ ने कहा कि आज के इस कम्प्यूटर के युग में क्षत्रिय समाज को मुकनदास खींची से सीख लेकर आगे बढऩा चाहिए। ब्रिगेडियर सूर्यवीरसिंह राजवी ने कहा कि ऐसे शूरवीरों का इतिहास में प्रमुखता से वर्णन होना चाहिए। डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने कहा कि आज के इस अत्याधुनिक युग में क्षत्रिय समाज को अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए किसी कीमत पर समझौता नहीं करके आगे बढ़ता रहना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता करणसिंह उचियारङा ने की। समारोह में मारवाड़ क्षेत्र के अपने-अपने क्षेत्र में सर्वोत्तम काम करने वालों सभी गणमान्य को सम्मानित किया गया, जिसमें औद्योगिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले उमा पॉलीमर ग्रुप के चेयरमैन श्रीपाल लोढ़ा, घुड़सवारी में पुलिस पीईटी में नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल लाने पर अर्जुन सिंह खींची, कोरोनाकाल में सर्वोत्तम काम करने के लिए डॉक्टर विकास राजपुरोहित को पूर्व नरेश एवं गणमान्य अतिथियों द्वारा मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र व श्रीफल व साफा और माला पहनाकर देकर सम्मानित किया गया।

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