सफल जीवन की जादुई सीढ़ी है टाइम मैनेजमेंट : राष्ट्र-संत श्री चन्दप्रभ

जोधपुर। राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ ने कहा कि जीवन में 4 चीजें कभी लौटकर नहीं आती – 1. माँ के पेट से निकला बच्चा, 2. मुँह से निकले शब्द, 3. बंदूक से निकली गोली और 4. बीता हुआ समय। दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति फिर चाहे वह बिल गेट्स ही क्यों न हो, बीता हुआ समय खरीद नहीं सकता। मानता हूँ धन से सब कुछ खरीदा जा सकता है, पर समय नहीं। इसलिए हमें धन से ज्यादा महत्त्व समय को देना चाहिए क्योंकि संपत्ति भी समय के सदूपयोग से मिला करती है।
संतश्री चन्द्रप्रभ कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में टाइम मैनेजमेंट पर आयोजित मोटिवेशनल सेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 1 वर्ष की कीमत वह विद्यार्थी पता पाएगा जो इस वर्ष अनुत्तीर्ण हो गया। 1 माह की कीमत वह माँ बता पाएगी जिसके अठमासिया बच्चा पैदा हो गया, 1 सप्ताह की कीमत साप्ताहिक अखबार निकालने वाला ही बता पाएगा कि एक बार अखबार न निकालने की लापरवाही कितनी महंगी पड़ गई, 1 दिन की कीमत मजदूर पता पाएगा जिसे मजदूरी न मिली, 1 घंटे की कीमत सिंकदर से पूछें, 1 मिनट की कीमत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर गिरने से 1 मिनट पहले निकलने वाला ही बता सकता है और 1 सेकण्ड की कीमत रेस में दौडऩे वाला धावक ही बता सकता है जो गोल्ड मेडल की बजाय सिलवर मेडल ही जीत पाया।
उन्होंने कहा कि हम समय के प्रति लापरवाह न बनें, उसे व्यर्थ न करें। इधर-उधर में, मेरी-तेरी बातों में, मोबाइल चेटिंग में, बिना परिणााम देने वाली चीजों में समय गंवाना खुद को बर्बादी की ओर ले जाना है। हम विदेशी लोगों से कपड़ों की अभद्रता सीखने की बजाय समय के प्रति प्रतिबद्ध बनना सीखें। अगर वहाँ कार्यक्रम का समय 3 बजे है तो 5 मिनट पहले पूरा हॉल खचाखच भर जाता है और हमारे यहाँ 3 बजे का कार्यक्रम 4 बजे से पहले शुरू नहीं होता। अगर हम टाइम मैनेजेमेंट और वर्क मैनेजमेंट इन दो चीजों के प्रति सजग हो जाए तो भारत का भविष्य स्वर्णिम बन जाए।
संतश्री चन्द्रप्रभ ने टाइम मैनेजमेंट के सूत्र देते हुए कहा कि सुबह उठने के बाद के 10 मिनट और रात को सोने से पहले के 10 मिनट बेहद महत्त्वपूर्ण होते हैं। इस समय हम जिस मन:स्थिति के साथ होते हैं पूरे दिन और रात पर उसका असर होता है। अगर इस समय हम अपने माइंड को सही गाइड करें, तन-मन-प्राणों में प्रसन्नता, सकारात्मकता, सक्रियता के विचार प्रवाहित करें तो हर दिन और हर रात हमारे लिए सफल और सार्थक परिणाम देती जाएगी। हम सोचें – मैं स्वस्थ हूँ, मैं सुंदर हूँ, मैं सकारात्मक हूँ, मैं शक्तिशाली हूँ, मैं सफल हूँ, मैं प्रसन्न हूँ, मैं आनंदित हूँ, सब लोग अच्छे हैं, सब कुछ अच्छा और अच्छे से चल रहा है। मैं हर परिस्थिति के लिए तैयार हूँ। ये वाक्य हमें चार्ज करेंगे और हमारी दिशा-दशा बदलेंगे।
उन्होंने कहा कि कार्यों की लिस्ट बनाएँ – कार्य के तीन प्रकार हैं – 1. अति आवश्यक, 2. आवश्यक और 3. अनावश्यक। इस तरह कार्य का बँटवारा करके आप कम समय में ज्यादा काम कर सकते हैं। अगर हम दरी को बेढंग से इकठ्ठा करके पटक देंगे तो दो लोग भी आराम से बैठ नहीं पाएँगे तो उसे सही ढंग से बिछाएँगे तो दस लोग आराम से बैठ जाएँगे। वैसे ही हम 24 घंटों को तो 25 घंटों में बदल नहीं सकते, पर कार्यों को व्यवस्थित करके 24 घंटे में 25 घंटे के काम अवश्य निपटा सकते हैं।

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