चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत 12 नवंबर को
डोर-स्टेप प्रि-काउंसलिंग कैम्प 16 अक्टूबर को मण्डोर पंचायत समिति में
जोधपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जोधपुर महानगर न्यायक्षेत्र में वर्ष 2022 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन ऑनलाईन व ऑफलाईन माध्यम से 12 नवम्बर को किया जायेगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, जोधपुर महानगर के सचिव विक्रम सांखला ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत सफल क्रियान्वयन एवं अधिक से अधिक प्रकरणों के निस्तारण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) जोधपुर महानगर श्री चन्द्र शेखर शर्मा के निर्देशानुसार 16 अक्टूबर को (संबंधित पंचायत सेवा समिति के क्षेत्राधिकार में स्थित न्यायालयों में लंम्बित एवं उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले प्रि-लिटिगेशन प्रकरणों के लिए) पंचायत समिति मुख्यालय, मण्डोर पर डोर-स्टेप प्रि-काउंसलिंग कैम्प का आयोजन किया जायेगा।
इस प्री-काउंसलिंग कैम्प में ग्राम न्यायालय अधिकारी मोहिताश सिंह पंवार, प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता श्री के.सी. शर्मा तथा सामाजिक कार्यकर्ता कपिल अरोड़ा द्वारा डोर-स्टेप प्रि-काउंसलिंग करवाई जायेगी। साथ ही 17 से 21 अक्टूबर एवं 31 अक्टूबर से 5 नवंबर तक बैंकों एवं वित्तीय संस्थान के धन वसूली के लंम्बित सिविल मामलों एवं धारा 138 एन.आई. एक्ट के फौजदारी मामलों (केवल रुपये 10 लाख तक की राशि के मामले) के साथ-साथ इसी प्रकृति के प्री-लिटिगेशन श्रेणी के मामलों के लिए प्री-काउंसलिंग कैम्प का आयोजन किया जायेगा।
प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को आरएसएलएसए-22 प्लेटफार्म पर ऑनलाईन माध्यम से अधिवक्ता, सस्ंथा अथवा पक्षकार द्वारा https://rslsa.jupitice.com/ पर अपना अकाउंट बनाकर रजिस्टर किया जा सकेगा।
प्राधिकरण सचिव श्री सांखला ने बताया कि इस लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरणों को समाहित करते हुए राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 पराक्राम्य विलेख अधिनियम के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण (अशमनीय के अलावा), पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर)। भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, सभी प्रकार के सर्विस मैटर्स (पदोन्नति एवं वरिष्ठता विवाद के मामलों के अलावा), सभी प्रकार के राजस्व मामले, पैमाइश एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित, वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद, सहकारिता सम्बन्धी विवाद, परिवहन सम्बन्धी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण/नगर निगम, आदि) के विवाद, रियल एस्टेट सम्बन्धी विवाद, रेलवे क्लेम्स सम्बन्धी विवाद, आयकर सम्बन्धी विवाद, अन्य कर सम्बन्धी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता/सेवा प्रदाता के मध्य के विवाद, सिविल मामले (किरायेदारी, बंटवारा, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालना के दावे), आदि विषयों पर आयोजित की जाएगी।