नई कंपनी ने शुरू किया सीमेंट लदान
जोधपुर। जोधपुर रेल मंडल की बिजनेस डवलपमेंट यूनिट द्वारा रेलवे से नये ग्राहकों को जोडने के क्रम में मिनी रैक लदान करने की सुविधा का ऑफर देने से नई कंपनी ने सीमेंट ट्रेन से लदान कर भेजना शुरु किया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि जोधपुर मंडल रेल प्रबन्धक गीतिका पाण्डेय की अध्यक्षता में बिजनेस डवलपमेंट यूनिट द्वारा रेल द्वारा माल भेजने के लिये नये प्रेषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। रेल मंत्रालय द्वारा माल लदान को बढ़ाने के लिये शुरु की गई नवीन योजनाओं तथा लाभ के बारे में विभिन्न माल उत्पादकों तथा माल लदान करने वाली कंपनियों को जानकारी दी जा रही है। इसी क्रम में अब गोटन से कानपुर के लिये पहली बार सीमेंट का लदान करके भेजा गया है।
जोधपुर मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबन्धक गजराज सिंह चारण ने बताया कि जोधपुर रेल मंड़ल की बीडीयू टीम ने निम्बोल पाली से कानपुर के लिये प्रेषित किये जा रहे सीमेंट को पहली बार ट्रेन द्वारा भेजने में सफलता प्राप्त की है। जोधपुर रेल मंडल द्वारा सीमेंट कंपनी को मिनी रैक माल लदान करने की सुविधा देने से फरवरी महिने में पहली बार 5 मिनी रैक सीमेंट का लदान गोटन से कानपुर के लिये किया गया है। इस माह में 7 मिनी रैक सीमेंट का माल लदान होने की आशा है। प्रति माह 5-6 रैक सीमेंट लदान होने से जोधपुर मंडल को प्रतिमाह लगभग 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। इससे पूर्व यह माल सडक़ मार्ग द्वारा ही भेजा जा रहा था। जोधपुर मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने व्यापारियों के साथ लगातार बैठक करके यह सफलता प्राप्त की है। माल लदान करने वाली कंपनी ने भविष्य में प्रति माह 5-6 रेल रैक माल लदान की प्रतिबद्धता जताई है।
उल्लेखनीय है कि मंडल रेल प्रबन्धक गीतिका पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित बिजनेस डवलपमेंट यूनिट की मीटिंग में सम्मिलित विभिन्न लोडिंग ऑपरेटर व रेलवे उपयोगकर्ता को नेशनल रेलवे प्लान द्वारा दिए गए दृष्टि पत्र के बारे में तथा रेलवे की विभिन्न नवीन योजनाओं के बारे में रेलवे कस्टमर्स को बताया गया था। मीटिंग के बाद से व्यवसायियों ने मंडल रेल प्रबन्धक गीतिका पाण्डेय के सकारात्मक प्रयासों तथा सहयोग करने की पहल पर खुशी जाहिर करते हुए रेलों से माल लदान कर भेजने में रुचि दिखाई थी। इससे पूर्व भगत की कोठी, मेडता सिटी, गोटन,खजवाना तथा बनियासाडाधोरा से भी पहली बार माललदान शुरु करने में सफलता प्राप्त हुई है।