किसानों-नौजवानों के साथ की वादा खिलाफी : पुरोहित
- जयन्तीलाल दाना
- गहलोत सरकार का जनघोषणा-पत्र झूठ का पुलिन्दा
सिरोही। भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने कांग्रेस की गहलोत सरकार के दो वर्ष के रिपोर्ट कार्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार पिछले दो साल में हर मोर्चे पर विफल रही, ना तो किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ कर पाई, ना ही युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दे पाई, ना ही अपराधों पर नियंत्रण कर पाई, राजस्थान में आपराधिक घटनाएं चरम पर हैं और महिला, दलित एवं आदिवासी गहलोत राज में प्रताड़ित हो रहे हैं।
जिलाध्यक्ष पुरोहित ने बताया कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने सिरोही जिले के विकास के लिए जो कार्य स्वीकृत किये थे वो भी कांग्रेस सरकार ने बंद करवा दिए है। और बजट नही होने का रोना रो रही है।
पुरोहित ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी विकास ठप पड़ा हुआ है, आर्थिक प्रबंधन में भी सरकार विफल रही है, हालात ये हैं कि सरकार दो साल में एक भी विकास का नया काम अपने शासन में शुरू नहीं कर पाई, जिसका दुष्परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
पुरोहित ने कहा कि अपने बजट भाषण में सवा लाख भर्तियों की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी, जिसे आज दिन तक पूरा नहीं कर पाये और तो और 35 हजार पद समाप्त कर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ बड़ा छलावा किया है। वहीं संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा कर आज तक उनको नियमित नहीं कर संविदाकर्मियों के साथ न्याय नहीं किया है।
पुरोहित ने कहा कि कांग्रेस के प्रभारी व महासचिव अजय माकन एवं प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा द्वारा जनघोषणा-पत्र पर रिपोर्ट कार्ड जारी कर 50 प्रतिशत काम पूरे होने का दावा हवा-हवाई है और ‘‘अपने मुँह मियां मिट्ठू बनने’’ जैसा है। उनका जनघोषणा-पत्र झूठ का पुलिन्दा है। किसानों, नौजवानों के साथ वादाखिलाफी की है।
पुरोहित ने कहा कि खुद की युनिवर्सिटी, खुद ही एग्जामिनर और खुद ही नम्बर देकर अपने आपको पास बताने वाले मुख्यमंत्री गहलोत जरा अपना रिपोर्ट कार्ड खुद तय करने के बजाए जनता से पूछते तो अच्छा होता। उन्होंने कहा कि राजस्थान के 2.50 करोड़ मतदाताओं ने प्रदेश की गहलोत सरकार को पंचायत चुनाव एवं निकाय चुनाव में नकार कर सरकार के रिपोर्ट कार्ड में फेल घोषित कर दिया है। अशोक गहलोत सरकार इतिहास की भ्रष्ट, अकर्मण्य, नकारा एवं अराजक सरकार के रूप में जानी जायेगी।
पुरोहित ने कहा कि दो साल गहलोत सिर्फ अपनी सरकार बचाने के मैनेजमेंट में लगे रहे एवं उनके अन्दरूनी विग्रह, झगड़े एवं फूट का नुकसान प्रदेश की जनता भुगत रही है और राजस्थान के विकास का मार्ग अवरूद्ध हो गया है।