पुलिस ट्रैनिंग सेन्टर में अगला नंबर जागरूक ता सेमीनार का आयोजन
जोधपुर।भारत सरकार के दिशा निर्देश अनुसार जुलाई माह को अंगदान जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसी संदर्भ में आज राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर जोधपुर में अंग दान जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए एमडीएम हॉस्पिटल यूरोलॉजी विभाग के सहायक आचार्य डॉक्टर छांवरलाल ने अंगदान की आवश्यकता और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए जागरूकता संदेश दिया। अंगदान की प्रक्रिया सिर्फ चिकत्सकों का दायित्व नहीं है पूरे समाज को इस पुनीत कार्य में सकारात्मक रूप से जुड़ना होगा तभी यह कार्यक्रम सफल होगा।
कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए नेफ्रोलॉजी विभागध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अंगदान केवल वेंटिलेटर पर रहे ब्रेन डेड मरीज से ही लिया जा सकता है। उन्होंने ब्रेन डेड मरीज को चिन्हित करने की कानूनी और मेडिकल प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिर्फ सरकार के द्वारा चिन्हित अस्पतालों में पूर्व निर्धारित चिकित्सक कमेटी द्वारा घोषित ब्रेन डेड रोगियों से ही अंग लिऐ जा सकते हैं और यह अंग कम से कम 9 से 11 लोगों की जान बचा सकते हैं।
यूरोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर गोवर्धन चौधरी ने बताया कि भारत में 90% से अधिक हृदय, किडनी या लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों रोगी अंगदान का इंतजार करते हुए ही मर जाते हैं क्योंकि सामाजिक जागरूकता के अभाव में ब्रेन डेड रोगियों से अंगदान की दर अभी अभी अत्यधिक कम है और अधिकांश लोगों के घर में कोई योग्य जीवित दाता मिल नहीं पाता है। इसके अलावा हार्ट और स्वसन रोग के रोगियों के लिए फेफड़े का ट्रांसप्लांट तो केवल ब्रेन डेड रोगियों से संभव है । इस अवसर पर चार सौ से अधिक कर्मचारियों ने अंगदान की ऑनलाइन शपथ ली ।अंत में कार्यक्रम का धन्यवाद संबोधन करते हुए पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट रविराज सिंह ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के 400 से अधिक ट्रेनी कांस्टेबल और अधिकारी उपस्थित थे।