विश्व शांति के लिए हमें बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना होगा : आचार्य लोकेश जी

अंतर-धार्मिक संवाद विश्व शांति की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण – सहिष्णुता मंत्री यूएई

जोधपुर/ दुबई/ नई दिल्ली। विश्व शांति केंद्र के संथापक आचार्य लोकेशजी ने यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से दुबई में भेंट कर विश्व शांति और सद्भावना की स्थापना के विभिन्न आयामों पर चर्चा की।

जैन आचार्य लोकेश ने कहा कि विश्व शांति स्थापित करने के लिए हमें बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है जो विवाद, हिंसा और युद्ध के मूल कारणों को संबोधित करे तथा राष्ट्रों और समुदायों के बीच एक दूसरे के प्रति समझ , सहयोग और सद्भाव को बढ़ावा दे । उन्होने बताया कि दिल्ली एनसीआर में अहिंसा विश्व भारती द्वारा स्थापित विश्व शांति केंद्र अंतरधार्मिक सम्मेलनों, अंतरधार्मिक संवाद और कार्यशालाओं, शांति शिक्षा, के माध्यम से विश्व शांति और सद्भाव स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने कहा कि विश्व शांति केंद्र जैसे संगठनों कि वर्तमान में वश्यकता है, इस केंद्र के माध्यम से विश्व शांति और सद्भावना के प्रयासों को गति मिलेगी। अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा देकर, सहिष्णुता और आपसी समझ को प्रोत्साहित करके तथा साझा मूल्यों और सिद्धांतों पर जोर देकर शांति को बढ़ावा देने में धर्म और आस्था एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे शांतिपूर्ण समाज का निर्माण हो सकता है। शांति और न्याय तभी स्थापित हो सकता है जब मानव अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं का ध्यान रखा जाए। बालोतरा प्रभारी ओम प्रकाश बांठिया ने विश्व शान्ति के लिए आचार्य डॉ लोकेश जी के सकारात्मक प्रभावी कार्य कों उल्लेखनीय बताया।

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