बी.टेक. प्रथम वर्ष पाठ्यक्रमों में द्विभाषी शिक्षण की शुरुआत की
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में
जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (भा.प्रौ.सं. जोधपुर) अंग्रेजी और क्षेत्र की मूल भारतीय भाषा (हिंदी) दोनों में प्रौद्योगिकी स्नातक (बी.टेक. प्रथम वर्ष से शुरू) पाठ्यक्रम शिक्षण को लागू करने वाला पहला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बन गया है । इस अभूतपूर्व पहल के लिए अभिषद (सीनेट) ने 26 जून 2024 को आयोजित 38वीं बैठक में और अभिशासक मंडल (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स) ने 28 जून 2024 को आयोजित बैठक के दौरान मंजूरी प्रदान की ।
भा.प्रौ.सं. जोधपुर अंग्रेजी में सीमित दक्षता वाले छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एन.ई.पी.) – 2020 के अनुरूप भारतीय भाषाओं में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ करने की ओर अग्रसर है । इस पहल का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषी क्षेत्रों के छात्रों को उनकी मूल भाषा में पाठ्यक्रम में भाग लेने का विकल्प प्रदान करने और सीखने का अनुभव बढ़ाना है । भा.प्रौ.सं. जोधपुर प्रौद्योगिकी स्नातक (बी.टेक.) प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों से शुरू करते हुए, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में शिक्षा प्रदान करेगा । छात्रों की अंग्रेजी दक्षता बढ़ाने के लिए अंग्रेजी सीखने की कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी ।
भा.प्रौ.सं. जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस पहल के महत्व पर जोर दिया । प्रो. अग्रवाल ने कहा, “प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पढ़ाने से छात्रों की पाठ्यक्रम सामग्री की समझ और ज्ञान में वृद्धि होगी, जिससे छात्रों को शैक्षणिक वातावरण में सुचारू रूप से ढ़लने में मदद मिलेगी।” उन्होंने गैर-अंग्रेजी भाषी पृष्ठभूमि के छात्रों के समक्ष आने वाली भाषा संबंधित बाधाओं को ध्यान में रखते हुए इस द्विभाषी दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा ।
इस प्रमुख पहल को लागू करने के लिए, प्रथम वर्ष के छात्रों को पाठ्यक्रम की कक्षाएं शुरू होने से पहले हिंदी और अंग्रेजी व्याख्यानों में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाएगा । इन प्राथमिकताओं के आधार पर प्रत्येक कक्षा के दो अनुभाग (Section) बनाये जाएंगे जिसमें एक ही प्रशिक्षक दोनों अनुभागों (Sections) को पढ़ाएगा । छात्रों के पास सत्र के दौरान सेक्शन के बीच अदला-बदली (हिंदी अथवा अंग्रेजी माध्यम) करने का विकल्प भी होगा । दोनों माध्यमों के लिए छात्रों का समान स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भा.प्रौ.सं. जोधपुर द्वारा शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं में समानता बनी रहे।
अभिषद (सीनेट) और अभिशासक मंडल (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स) ने गहन चर्चा के बाद प्रस्ताव की सराहना करते हुए मंजूरी दी । यह भा.प्रौ.सं. जोधपुर में समावेशी शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश में पहला है । यह पहल न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, बल्कि अन्य संस्थानों के लिए भी एक मिसाल कायम करती है, जो समाज के सभी वर्गों के लिए समावेशिता में सुधार लाने और उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा तक पहुँच के लिए मूल भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देती है ।
शिक्षा मंत्रालय ने इस शैक्षणिक वर्ष से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बी.टेक. प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम पेश करने के भा.प्रौ.सं. जोधपुर के इस कदम की सराहना की । मंत्रालय ने इसे भा.प्रौ.सं. जोधपुर में अधिक समावेशी और सहायक शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया ।