सियाणी नगर में 50 वर्ष बाद चातुर्मास के लिए साध्वी अम्रतांजनाश्री का हुआ नगर प्रवेश
चातुर्मास में तप आराधना से आत्मा का कल्याण करने का हम सबका लक्ष्य हो-साध्वी अम्रतांजनाश्री
सियाणी । जैन श्री संघ सियाणी व विचक्षण चातुर्मास कमेटी की अगुवानी में रविवार को प्रातः 09.00 बजे पुलिस चैकी के पास सियाणी से साध्वी अम्रतांजना श्रीजी आदि ठाणा 04 के नगर प्रवेश की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो कस्बे के मुख्य मार्गो से होते हुई सियाण्ी नगर के जैन धर्मशाला में प्रवेश किया। पुरे रास्ते में गुरूवर्या भक्तो ने जयकारों के साथ नगर प्रवेश कराया। गुरूभक्ति का ऐसा अनुठा संगम सियाणी कस्बे की पुण्यधरा में पहली बार देखने को मिला। रविवार को साध्वी अम्रतांजना श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 04 का चातुर्मास के लिए हुआ ऐतिहासिक नगर प्रवेश। विचक्षण चातुर्मास कमेटी के संयोजक भूरचन्द सियाणी व प्रचारमंत्री संजय धारीवाल ने बताया कि शोभायात्रा में सभी पुरुष चुंदरी, साफा एवं सफेद वस्त्र एवं बहने अपने-अपने मण्डल के परिधान में शोभा बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में सबसे आगे जैन ध्वज तत्पश्चात क्रमश घुडसवार, अश्व पर सवारों के हाथ में लहराती धर्म ध्वजाएं, मंगल ध्वनियों का वादन करते बैण्ड वादक और साध्वी मण्डल के पीछे-पीछे चलते गुरूवर्या की महिमा का गुणगान करते, जिनशासन की जय-जयकार करते भक्तजन, श्रावक-श्राविकाए, बैंड की धुन एवं ढ़ोल की थाप पर गुरूवर्या भक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूम रहे थे। शोभायात्रा का जगह-जगह पर गहुल्ली वह तोरण द्वार से स्वागत किया गया इसी कडी मेें शोभायात्रा के बस स्टेण्ड पहुचने पर जैन श्री संघ सियाणी व विचक्षण चातुर्मास कमेटी की अगुवाई में महिलाओं द्वारा सामैया के साथ स्वागत किया गया। चातुर्मासिक प्रवेश को लेकर सियाणी वासियों में अपने गुरूवर्या के प्रति जबरदस्त उत्साह का माहौल नजर आ रहा था। सियाणी नगर का दृश्य अद्भूत नजर आ रहा था। सम्पूर्ण कस्बे में तोरणद्वार, र्होडिंग, बैनरों से सजा हुआ नजर आ रहा था। चातुर्मास कमेटी के सहसंयोजक घेवरचन्द सियाणी ने बताया कि चातुर्मास प्रवेश की शोभायात्रा पुलिस चैकी से शुरू होकर कस्बे के मुख्य मार्गो से होती हुई चातुर्मास स्थल पहुंची। जहां पर गुरूदेव का सामैया के साथ स्वागत किया गया। नगर प्रवेश की शोभायात्रा के जैन धर्मशाला सियाणी पहुंचने के बाद धर्मसभा, गुरुवंदन एवं मंगलाचरण से प्रारंभ हुई। दीप प्रज्वलन श्री जैन श्री संघ सियाणी व विचक्षण चातुर्मास कमेटी के पदाधिकारियों सहित कई अतिथियो द्वारा किया गया। इसके बाद गुरूवन्दना की गई और बाद में भक्ति की सरिता बहाई। कार्यक्रम के तहत मुमुक्षु सुरेन्द्र कोचर का वरघोडे़ निकाला गया और अभिनन्दन किया गया। चातुर्मास में धर्म ध्वजा का लाभ हस्तीमल फोजमल संखलेचा सियाणी, तिलक का लाभ पारसमल वीरचन्द छाजेड सियाणी़, माला का लाभ हेमराज लाधूराम संखलेचा सियाणी, श्रीफल व साफा व चुनरी का लाभ वगतावरमल देवीचन्द संखलेचा सियाणी, गुरूपूजन का लाभ दिनदयाल आसुलाल लूणिया परिवार बाड़मेर व गुरूवर्याश्री को काम्बली ओढाने का लाभ घमडीराम मांगीलाल छाजेड़ परिवार ने लिया। साध्वी अम्रतांजना श्रीजी म.सा. ने कहा कि सियाणी वासियों को अब इस सम्पूर्ण वर्षावास का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेकर तप आराधना से आत्मा का कल्याण करने का हम सबका लक्ष्य हो। चातुर्मास परिवर्तन का माध्यम बने पुनरार्वतन का नहीं। इस चातुर्मास में चार माह तक कर्मो की निर्जरा करनी है। जैन श्री संघ अध्यक्ष हस्तीमल संखलेचा ने बहार से पधारे हुए अतिथियो, शोभायात्रा में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले का आभार व्यक्त किया। प्रवेश समारोह में बाड़मेर, अहमदाबाद, भादरेस, चैहटन, धोरीमन्ना, सूरत, चितलवाना, बालोतरा, विशाला, सांचैर, जालौर, हरसाणी, गुडामालाणी, जोधपुर, राणीगांव, बाछड़ाउ, नवसारी, सिवाड़ा, जसाई, सनावड़ा, नगर, होडू, चैहटन, भूणिया, बालेबा, भाटीपा क्षेत्र गुजरात आदि संघ के पदाधिकारियों ने प्रवेश पर शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन नरपत मण्डोवरा ने किया।
चातुर्मास में होगे प्रतिदिन कार्यक्रम-चातुर्मास में प्रतिदिन प्रातः नित्य भक्तामर पाठ, गुरू इकतीसा पाठ, महामंत्र नवकार आराधना, महापूजन, संस्कार-ज्ञान-ध्यान शिविर, तत्वरसिक प्रवचन, नित्य सामायिक-प्रतिक्रमण, पापों के प्रक्षालन हेतु पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की सामुहिक आराधना आदि अनेक विध अभूत अनुष्ठान इत्यादि अनके कार्यक्रम इस चातुर्मास के दौरान सम्पन्न होंगे।