कालचक्र का पहिया घूम रहा है, भारत फिर से समृद्ध देश होगा : शेखावत
विभाजन विभीषिका दिवस पर केन्द्रीय जलशक्ति का उद्बोधन
जोधपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज विश्व भारत में असीम संभावनाएं देख रहा है। आने वाला समय भारत का है। कालचक्र का पहिया घूम रहा है। भारत अब फिर से पूर्ण विकसित देश बनेगा।
शेखावत सोमवार को विभाजन विभीषिका दिवस के तहत झुलेलाल मंदिर में सिंधी समाज को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत पहले समृद्ध देश था, यहां से ही समृद्धि निकल कर पूर्वी यूरोप, इंग्लैंड और अमेरिका तक पहुंची। अमेरिका से निकलकर जापान में आई और तीस साल पहले चीन मेें समृद्धता आई। अब वापस भारत का नंबर है। अमृतकाल में हम हमारे बलिदानियों के योगदान का स्मरण करेंगे और संकल्प लेंगे कि वर्ष 2047 तक हम देश का विकसित देश बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने देश का आर्थिक शोषण किया। देश में बांटो और राज करो की नीति पर काम किया। इसी नीति के तहत देश का विभाजन हुआ। देश के विभाजन की नींव 1919 में खिलाफत आंदोलन के दौरान पड़ी, जब मिस्र के खलीफा को अपदस्थ कर दिया गया। महात्मा गांधी और कांग्रेस ने इस खिलाफत आंदोलन का सपोर्ट किया। इसके बाद मुस्लिम अलग देश के आंदोलन की मांग करने लगे। हिन्दुओं का कत्लेआम किया गया। अंग्रेजों के खिलाफ 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया। इसी दौरान मुस्लिम लीग ने अलग देश की मांग की। नेहरू जी ने प्रधानमंत्री पद की अपनी कुर्सी बचाने की एवज में देश का विभाजन स्वीकार किया। एक करोड़ लोग अपने काम धंधे और घर बार छोड़कर भारत में आए। इस दौरान छह लाख लोगों का कत्ल किया गया। एक लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।
शेखावत ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने उस वक्त कहा था कि पाकिस्तान में सारे हिन्दू सुरक्षित रहेंगे, लेकिन पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ जिस तरह से बर्बरतापूर्ण व्यवहार होता रहा। उसके परिणामस्वरूप सैकड़ोंं लोग प्रतिदिन भारत पलायन कर रहे हैं। जब पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग हुआ, तब हिन्दुओं को एक बार फिर से कत्लेआम सहन करना पड़ा और हजारों परिवारों को भारत में पलायन करना पड़ा।
आजादी के कई सालों बाद आज भी पाकिस्तान मेें हिंदुओं की हालत खराब है। वे बहुत कष्ट कर सह रहे हैं। अपनी महिलाओं की इज्जत नहीं बचा पा रहे। आज भी बड़ी संख्या में पाकिस्तान से हिंदुओं का पलायन जारी है।
उन्होंने कहा कि आज हम विभाजन विभीषिका इसलिए मना रहे हैं कि हम यह संकल्प दृढ कर सके कि आने वाली सदियों में भारत को और विभाजन नहीं झेलना पड़े। हमारे किसी भी साथी को विभाजन का दर्द नहीं झेलना पड़े। एक इंच की भूमि भी हम अलग नहीं होने देंगे। पाकिस्तान सिंध की स्वायत्ता का मुद्दा उठ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी इस तरह की बात चली थी। बलूचिस्तान की बात भी पूरे विश्व में फैल रही है।