ओसवाल स्थापना का आगाज क्रिया भवन में महिमा गुणगान से किया गया
जोधपुर। साधु भगवंत तीर्थ के समान-सिद्धेशचंद्र। परमात्मा पूजा अर्चना चौबीस तीर्थंकर तप आराधना के साथ नगर स्थित रत्न प्रभ धर्म क्रियाभवन में ओसवाल स्थापना आयोजन का आगाज जिन शासन ओसवाल महिमा गुणगान से किया गया।धर्मसभा में बोलते हुवे मुनि सिद्धेशचंद्र सागर ने कहा कि धर्म व जिन शासन की स्थापना तीर्थंकरों ने की थी उसी प्रकार मूर्तिपूजक जैनाचार्य रत्नप्रभसुरी ने ओसवाल वंश की स्थापना कर जिनशासन का परचम फहराया। उन्होंने कहा कि साधु भगवंत के दर्शनों से पुण्य बंथ होता है साधु तीर्थ के समान होते हैं जागृति जगानी है ।स्वाध्याय श्रावक विजूभाई सिंघवी ने कहा कि हमें रत्नप्रभससुरी महाराज के उपकारों का उपकार कदापि नहीं भूलना चाहिए । महावीर शासन स्थापना महोत्सव समिति के राष्ट्रीय महामंत्री धनराज विनायकिया ने कहा कि रत्नप्रभसुरी अद्भुत धर्म कार्य कर ओसवाल वंश की स्थापना से अहिंसा की धर्म ध्वजा फहरायी व लोगों का आत्म कल्याण किया। उम्मेदराज रांका ने कहा की उनके नाम से जोधपुर में तपागछ क्रिया भवन आज विश्व विख्यात है इस अवसर पर वल्लभ महिला मंडल व कई वक्ताओं व श्रावक श्राविकाओं ने ओसवाल रत्नप्रभसुरी महिमा गुणगान किया। विनायकिया ने बताया कि पंच दिवसीय स्थापना दिवस पर विशेष महिमा गुणगान किया जाएगा। तपागछ संघ ने 17 जुलाई को दिगंबर जैन मंदिर से समग्र जैन समाज की ओर से निकलने वाले मौन जुलूस में सभी को सम्मिलित होने का अनुरोध किया।