जेएसडब्ल्यू ‘डेज़र्ट पेस्टोरेल’ पहल के माध्यम से 500 महिला कारीगरों को सशक्त बना रहा है
बाड़मेर। जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन और एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेस ने आज बाड़मेर में महिला कारीगरों के लिए स्थायी आजीविका बनाने की अपनी पहल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। दोनों द्वारा मिलकर घोषणा की गई है कि इस पहल में 500 कारीगरों को शामिल किया गया है, जिससे उन्हें अपने शिल्प और कौशल को बढ़ाने और प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। ‘डेजर्ट पेस्टोरेल’ नाम की यह पहल एक उद्यम विकास कार्यक्रम है, जो बाड़मेर के ग्रामीण इलाकों में एप्लिक और मुक्का शिल्प में कार्यरत कारीगरों के साथ काम करता है। इस पहल के माध्यम से गत वर्ष 21.14 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
इस पहल की सफलता के बारे में बात करते हुए, वीरेश देवरामनी, हेड- थर्मल बिज़नेस, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, ने कहा, “हमारा लक्ष्य बाड़मेर और आसपास के समुदायों में हमारी सुविधाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को सक्षम करना था। एक्सेस के साथ साझेदारी में, हमने एप्लिक और मुक्का कला जैसे पारंपरिक कला रूपों को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। एक स्थायी मॉडल की सुविधा के लिए एक ब्रांड के रूप में डेज़र्ट पेस्टोरेल की परिकल्पना की गई थी। इसके अतिरिक्त, हमने साथ मिलकर, जमीनी स्थिति का विश्लेषण करने के लिए एक विस्तृत अध्ययन किया, जिसमें यह भी शामिल था कि हम समुदाय को सर्वोत्तम ढंग से किस प्रकार संगठित कर सकते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पहचाने गए लाभार्थियों को कार्यक्रम के लिए नामांकित किया जा सके और कार्यात्मक अंतराल को भरा जा सके, जो फिर उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन करने में सक्षम बनाए। हमने क्षेत्र में संपर्क स्थापित करने, इसके प्रबंधन की कुशलताओं को निर्मित करने और उद्यमिता विकास में सहायता पर ध्यान केंद्रित किया है। हमें इस कार्यक्रम की सफलता पर गर्व है और साथ ही इस वित्तीय वर्ष में राजस्व के 100 लाख रुपए के पार पहुँचने की उम्मीद है।”
कार्यक्रम की विभिन्न पहलों में से एक के रूप में, एक सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना की गई। यह कारीगरों के प्रशिक्षण और कौशल के केंद्र के रूप में काम करेगा। वरिष्ठ डिज़ाइन सलाहकारों की सहायता से डिज़ाइन प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों / कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई। इसका उद्देश्य कारीगरों के कौशल को उन्नत करना है। क्षमता निर्माण प्रशिक्षण के आयोजन भी किए गए, ताकि कारीगरों के लिए व्यवसायों की समझ को सुविधाजनक बनाया जा सके। उत्पादन प्रणाली को माइक्रो असेंबली लाइन्स (समूह या उप-समूह स्तर पर सामान्य उत्पादन केंद्र), गुणवत्ता नियंत्रण (समूह और सीएफसी स्तर पर), केंद्रीकृत डिज़ाइनिंग / सैंपलिंग, लागत युक्तिकरण और विक्रेता विकास की शुरुआत करके सुव्यवस्थित किया गया। सीएफसी में, अपनी योजना में सामाजिक और व्यावसायिक दोनों पहलुओं को एकीकृत करने वाले उत्पादों के लिए डेज़र्ट पेस्टोरेल को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया गया। इसके अतिरिक्त, बाड़मेर स्थित रंगसूत्र और अहमदाबाद के एसईवीए में एक्सपोज़र विजिट का आयोजन किया गया।
बाजार में संपर्क स्थापित करने के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, डेज़र्ट पेस्टोरेल ने अन्य प्रसिद्ध ब्रांड्स के साथ सहयोग किया, जिनमें ओखाई, एचसीएल, ओड टू अर्थ आदि शामिल हैं। बी2बी सेगमेंट में, सविना हस्तकला, उरमूल सीमांत समिति, आरोही, कमला क्राफ्ट्स, थार गलियारा, तन्वी हस्तशिल्प आदि के साथ गठजोड़ किया गया। वहीं ऑनलाइन मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए, डेज़र्ट पेस्टोरेल प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने इंडिया मार्ट, फ्लिपकार्ट, मीशो, अनार आदि के माध्यम से एप्लिक उत्पादों की ब्रांडिंग और बिक्री के लिए ऑनलाइन स्टोर्स की शुरुआत की है।