3,324 करोड़ के सड़क विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनता को सौगात
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 3324 करोड़ रूपए की लागत की 3063 किमी लंबाई की सडक़ों, आरओबी तथा पुलों के निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सडक़ों का विकास नागरिक जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। जहां सडक़ों का विकास होगा वहां नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना होगी। राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
गुणवत्ता से नहीं किया जाएगा कोई समझौता : मुख्यमंत्री ने कहा कि सडक़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए निरीक्षण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा तथा गुणवत्ता नियंत्रण शाखा के अधिकारियों द्वारा सघन निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने तथा उचित मापदण्डों के अनुसार सडक़ों का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। गहलोत ने कहा कि विभागीय अधिकारी ठेकेदारों से समन्वय कर सडक़ बनने के बाद आवश्यक रखरखाव सुनिश्चित करें। इसके लिए ठेकेदारों के साथ किए गए अनुबंध में मौजूद सभी शर्तों की पालना आवश्यक रूप से करवाई जाए। साथ ही, अधिकारी नियमित एवं औचक दौरे कर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
विकास एवं निवेश के लिए उत्कृष्ट सडक़ तंत्र आवश्यक : गहलोत ने कहा कि किसी भी राज्य में निवेश एवं विकास के लिए उत्कृष्ट सडक़ तंत्र पहली शर्त होती है। सभी विकसित देशों की प्रगति के पीछे उनकी उन्नत सडक़ें एक मुख्य कारण हैं। राज्य में अक्टूबर में होने जा रही इन्वेस्ट राजस्थान समिट से पहले प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों के साथ लगभग 11 लाख करोड़ रूपए के एमओयू साइन कर लिए गए हैं। निवेशकों द्वारा प्रदेश में दिखाई जा रही रूचि के पीछे राज्य का सडक़ इन्फ्रास्ट्रक्चर एक प्रमुख वजह है। राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण मुख्य जिला सडक़ों, अन्य जिला सडक़ों तथा ग्रामीण सडक़ों का निर्माण कर विकास में राज्य के सभी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
क्षतिग्रस्त सडक़ों की हो तुरंत मरम्मत : गहलोत ने कहा कि प्रदेश में इस बार सभी जिलों में अच्छी बरसात हुई है तथा कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हुई है। मानसून में हुई अतिवृष्टि/बाढ़ के कारण सडक़ों को व्यापक नुकसान भी हुआ है। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को 20 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाकर सभी क्षतिग्रस्त सडक़ों को ठीक करने के निर्देश दिए। कहा कि सभी जिलों में सडक़ों की मरम्मत के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा संसाधनों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के साथ किए गए अनुबंधों की पालना करवाते हुए दोष निवारण अवधि के दौरान सडक़ों हुई किसी भी प्रकार की टूट-फूट की त्वरित मरम्मत हेतु उन्हें पाबंद किया जाए।
गहलोत ने कहा कि राज्य में लगातार सडक़ों का निर्माण और विकास हो रहा है। गत साढ़े 3 वर्षों में राज्य में 42,384 किलोमीटर लम्बाई की सडक़ों के विकास के लिए 25,395 करोड़ रूपये की लागत से 10,546 विकास कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज राज्य की सडक़ें गुणवत्ता की दृष्टि से पड़ोसी राज्य गुजरात से बेहतर स्थिति में हैं।
सडकों को चिरस्थायी बनाने के लिए हो रहा नई तकनीकों का उपयोग : बैठक में बताया गया कि सडक़ों की ज्यादा आयु एवं बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न नवाचार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में ‘कोल्ड मिक्स टेक्नोलोजी’ के माध्यम से क्षतिग्रस्त सडक़ों की शीघ्र तथा टिकाऊ मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त हो चुकी सडक़ों की उपयोग योग्य सामग्री का इस्तेमाल नई सडक़ों में किया जा रहा है। सेल फिल्ड जैसी तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की सीमेंटेड सडक़ें बनाई जा रही हैं। साथ ही, अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग भी सडक़ निर्माण में किया जा रहा है।
सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर साल सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए सरकार संकल्पित है। ओवरलोडिंग, ओवरस्पीडिंग तथा क्षतिग्रस्त सडक़ें इन दुर्घटनाओं के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी होती हैं। इसी दिशा में राज्य सरकार द्वारा सडक़ों के चौडाईकरण का कार्य किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त सडक़ों का सर्वे करवाकर उनकी त्वरित मरम्मत की जा रही है। गुणवत्तापूर्ण सडक़ों के निर्माण से सडक़ दुर्घटनाओं में निश्चित कमी आती है। सडक़ दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ‘इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (आईटीएमएस) जैसी उन्नत तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। साथ ही, सख्त निगरानी तंत्र एवं नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन के द्वारा भी सडक़ दुर्घटनाओं पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा सडक़ दुर्घटना के सभी मुख्य कारणों को चिन्हित कर उनके उन्मूलन का कार्य किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में राजस्थान अग्रणी : गहलोत ने कहा कि राजस्थान राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में देशभर में अग्रणी राज्य बन चुका है तथा इनके निर्माण के लिए राज्य सरकार तमाम तरीकों से केन्द्र सरकार का सहयोग कर रही है। दिल्ली-वडोदरा तथा अमृतसर-जामनगर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कार्य राज्य सरकार के सहयोग के कारण तेजी से पूरा हो रहा है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत चल रहे सडक़ निर्माण कार्यों में राज्य सरकार द्वारा निशुल्क राजकीय भूमि उपलब्ध करवाई गई है। इसके अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण हटाने तथा वनक्षेत्र से गुजरने वाले मार्गों के लिए आवश्यक स्वीकृतियां जारी करने में राज्य सरकार का पूरा सहयोग रहा है। यही कारण है कि राज्य में तेजी से गुणवत्तापूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हो रहा है।
सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि प्रदेश के विकास में सडक़ों की अहम भूमिका है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में सडक़ों का एक बड़ा जाल बिछाया जा रहा है। अच्छी सडक़ें होने से यातायात सुगम होता है तथा औद्योगिक विकास को भी गति मिलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी सडक़ निर्माण गुणवत्तापूर्ण किए गए हैं।
प्रमुख शासन सचिव पीडब्ल्यूडी नवीन महाजन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नवीन लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भविष्य में किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, शासन सचिव पीडब्ल्यूडी चिन्नहरी मीना, अतिरिक्त सचिव पीडब्ल्यूडी संजीव माथुर सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही, विभिन्न जिलों से जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े।
ये हुए लोकार्पण : भीलवाड़ा जिले में 39.38 करोड़ की लागत से आरओबी निर्माण
झालावाड़ जिले में 8.86 करोड़ की लागत से 13.10 किमी. सडक़ निर्माण
प्रतापगढ़ जिले में 5.80 करोड़ की लागत से 4 किमी. सडक़ निर्माण
ये हुए शिलान्यास : अजमेर जिले में 42.30 करोड़ रूपए की लागत से 55.50 किमी के 3 सडक़ विकास कार्य
अलवर जिले में 78.00 करोड़ रूपए की लागत से 93.00 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
बारां जिले में 194.76 करोड़ रूपए की लागत से 101.50 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
बाड़मेर जिले में 148.40 करोड़ रूपए की लागत से 210.50 किमी के 6 सडक़ विकास कार्य
भरतपुर जिले में 140.20 करोड़ रूपए की लागत से 87.90 किमी के 3 सडक़ विकास कार्य
भीलवाड़ा जिले में 92.42 करोड़ रूपए की लागत से 99.60 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
बीकानेर जिले में 84.00 करोड़ रूपए की लागत से 130 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
बूंदी जिले में 45 करोड़ रूपए की लागत से 22.50 किमी के 1 सडक़ विकास कार्य
चित्तौडग़ढ़ जिले में 125.70 करोड़ रूपए की लागत से 96.60 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
चूरू जिले में 48.50 करोड़ रूपए की लागत से 50.08 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
दौसा जिले में 110 करोड़ रूपए की लागत से 146.10 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
धौलपुर जिले में 60.07 करोड़ रूपए की लागत से 94.50 किमी के 6 सडक़ विकास कार्य
डूंगरपुर जिले में 62.90 करोड़ रूपए की लागत से 81.00 किमी के 8 सडक़ विकास कार्य
हनुमानगढ़ जिले में 89 करोड़ रूपए की लागत से 82.40 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
जयपुर जिले में 85 करोड़ रूपए की लागत से 83 किमी के 3 सडक़ विकास कार्य
जैसलमेर जिले में 63.35 करोड़ रूपए की लागत से 94 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
जालौर जिले में 163 करोड़ रूपए की लागत से 194.50 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
झालावाड़ जिले में 85 करोड़ रूपए की लागत से 72.30 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
झुंझुनूं जिले में 93 करोड़ रूपए की लागत से 86 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
जोधपुर जिले में 107 करोड़ रूपए की लागत से 114 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
करौली जिले में 158 करोड़ रूपए की लागत से 108.60 किमी के 5 सडक़ विकास कार्य
कोटा जिले में 75 करोड़ रूपए की लागत से 43 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
नागौर जिले में 108 करोड रूपए की लागत से 176.25 किमी के 6 सडक़ विकास कार्य
पाली जिले में 85 करोड़ रूपए की लागत से 96 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
प्रतापगढ़ जिले में 32 करोड़ रूपए की लागत से 35.50 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
राजसमंद जिले में 26 करोड़ रूपए की लागत से 36 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
सवाईमाधोपुर जिले में 271.22 करोड़ रूपए की लागत से 189.05 किमी के 8 सडक़ विकास कार्य
सीकर जिले में 108.30 करोड़ रूपए की लागत से 104 किमी के 4 सडक़ विकास कार्य
सिरोही जिले में 24.55 करोड़ रूपए की लागत से 40 किमी के 2 सडक़ विकास कार्य
श्रीगंगानगर जिले में 38.25 करोड़ रूपए की लागत से 39.30 किमी के 3 सडक़ विकास कार्य
उदयपुर जिले में 89 करोड़ रूपए की लागत से 96 किमी के 3 सडक़ विकास कार्य
शिलान्यास पीपीपी कार्य : जोधपुर एवं नागौर में 337 करोड़ रूपए की लागत से 87 किमी लंबाई का 1 सडक़ विकास कार्य