सीएम को सौंपा ज्ञापन: हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में कार्य का बहिष्कार कर वकीलों ने निकाला पैदल मार्च

जोधपुर। श्रीगंगानगर जिले के घड़साना बार संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह झोरड़ के पुलिस की कथित प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जोधपुर में आज वकीलों ने राजस्थान हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में कार्य का बहिष्कार कर पैदल मार्च निकाला। सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर इस मामले में सख्त एक्शन लेने के साथ पीड़ित वकील के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग का ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच कराई जा रही है। किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं राजस्थान बार काउंसिल ने भी इस घटना की निंदा करते हुए चारों दोषी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने की मांग की है।

राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड़ व राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि भंसाली ने बताया कि घड़साना क्षेत्र में बढ़ रहे नशे के विरुद्ध विजय सिंह झोरड़ ने अभियान चलाया। जिस पर पिछले काफी समय से पुलिस ने विजय सिंह झोरड़ को झूठे मुकदमों में फंसाने व मारपीट की धमकियों से परेशान किया। इससे आहत हो उन्होंने अपनी जान दे दी। इस घटना के विरोध में आज हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में सभी वकील ने कार्य का बहिष्कार किया। इसके बाद सभी वकील हाईकोर्ट के पुराने हेरिटेज भवन से एक जुलूस के रूप में पैदल मार्च निकालते हुए सर्किट हाउस पहुंचे। पूरे रास्ते वकील सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। बाद में वकीलों ने काफी देर तक सर्किट हाउस के बाहर धरना दिया। मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम से वापस लौटने पर एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की। गहलोत ने सभी की बात को सुना और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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