अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस में रोवर, रेंजर, स्काउट-गाइड व एनसीसी स्टूडेन्ट्स ने की शिर्कत
जोधपुर। योग एक शिक्षा पद्वति है जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी बाधाएं व रोग दूर होता है और शांति, उत्साह व जोश का संचार होता है। ये कहना है अन्तरराष्ट्रीय योगाचार्य, भारतीय योग गुरु, चिकित्सकीय उपचारक और ध्यान विशेषज्ञ नईम खान का।
वे सोमवार को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कमला नेहरू नगर स्थित मौलाना आज़ाद कैम्पस में मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के रोवर, रेंजर, स्काउट-गाइड व एनसीसी स्टूडेन्ट्स को योग की शिक्षाएं दे रहे थे।
मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के सीईओ मोहम्मद अतीक ने बताया कि कार्यक्रम में कोविड-19 गाइडलाइन की अनुपालना करते हुए योग गुरु ने कई उपयोगी आसन सिखाए। जिसे हाल ही में कोरोना हुआ है या सिर्फ संक्रमित है या पहले कोरोना हो चुका था लेकिन अब स्वस्थ है आदि सभी प्रकार के लोगों को कोरोना मुक्ति एवं इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हस्त उत्तानासन, शंशाकासन, भुंजगासन, शंस्कासन, मेरूदण्ड आसन, पाद हस्तासन, मरोड आसन, नाडी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी, मकरासन योगासन सीखाएं ताकि कोरोना के प्रभाव से बचा जा सके।
यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अमीन ने बताया कि योगाचार्य नईम खान ने वर्ष 2007 में जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के जसवंत थड़ा में योग व ध्यान कार्यशालाओं से अपनी योग यात्रा शुरू की। फिर बॉलीवुड हस्तियां, जोधपुर, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश), सऊदी अरब के शाही परिवार सदस्यों एवं स्विट्जरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, सिंगापुर, मलेशिया, अरब देशों सहित कुल 40 देशों में लाखों लोगों के लिए योग की हजारों कार्यशालाएं आयोजित की।
वे नियमित रूप से नईम योग के नाम से जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के जसवंत थडे़ में प्रतिदिन 5 हजार लोगों को योग का अभ्यास कराते हैं। उन्हें मुस्लिम योग गुरु के रूप में भी जाना जाता है। योगाचार्य नईम ने राजस्थान की सभी 65 जेलों सहित 4 केन्द्रीय जेलों में योग का पाठ भी किया। जिसका उद्देश्य कैदियों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक भलाई में है। बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर झुकाव होने के कारण इन्होंने शांति और आध्यात्मिकता की तलाश में योग की ओर रुख किया और मैंगलोर में प्रसिद्ध योगाचार्य बी. के. एस. अयंगर के शिष्य करुणाकर से योग की सूक्ष्मताएं सीखीं।
दो दशक से योग से जुड़े योगाचार्य नईम ने इटली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में दुनिया भर से आमंत्रित 7 में से भारत के एकमात्र उपचार विशेषज्ञ थे। वर्ष 2018 में जर्मनी के शहर डसेलडोर्फ से अपने बेटे नाउद खान के साथ इन्होनें ने 7 देशों के 26 शहरों में योग, आध्यात्मिक और प्रेरक कार्यशालाओं का आयोजन किया। इसके दौरान उन्होंने स्पेनिश एसोसिएशन ऑफ एलेगो के साथ एक समझौता भी किया।
भारतीय योग, प्रथाओं, विशेष रूप से चिकित्सकीय, इसके सिद्धांतों, ध्यान और चक्र उपचार पर कार्यशालायें आयोजित की। योग मुद्राओं और तकनीकों के माध्यम से प्रतिभागियों की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया।
योगाचार्य नईम विश्व स्तर के संगीतकारों के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा उमरदीन खान (रापट उस्ताद) के नाम से जाने जाते थे। वे भारतीय सारंगी वादक और गायक पद्मभूषण उस्ताद सुल्तान खान के भान्जे और स्वर्गीय समाजसेवी निज़ामुद्दीन खान के पुत्र है।
कार्यक्रम में प्रिन्सीपल इंतिखाब आलम, सहायक आचार्य (रेंजर लीडर) डॉ. मरजीना, योगा सहायक आचार्य डाॅ ज्योति गुर्जर, स्काउटर महेन्द्र सैन, गाइडर अरूणा सोलंकी, एनसीसी अधिकारी टीओ सूमेरा खान, हाॅस्टल वार्डन बरकतुल्लाह खान सहित चयनित विद्यार्थियों ने शिर्कत की। डाॅ रेहाना बेगम का डिजीटल सहयोग रहा। अंत में सोसायटी की ओर से अखिल भारतीय मीर समाज के अध्यक्ष नवाब खान, अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय नायब खान, योगी नाउद खान का कोरोना योद्धा के रूप में विशेष सम्मान भी किया गया।