वैक्सीनेशन में उत्कृष्ट पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलेगा अलग से फंड

जैसलमेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार कोविड वैक्सीनेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए अलग से फंड उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वैक्सीनेशन कार्य में अग्रणी रहने वाली पंचायतों को प्रोत्साहन देने के लिए जल्द ही योजना तैयार की जाए। गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड वैक्सीनेशन में सहभागिता एवं जागरूकता बढ़ाये जाने के उद्देश्य से आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन कारगर उपाय है। वार्ड स्तर तक के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संगठनों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, खिलाड़ियों, स्वयं सहायता समूह सहित समाज में प्रभाव रखने वाले प्रबुद्धजनों को वैक्सीनेशन अभियान में सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी। वैक्सीन का सुरक्षा कवच देकर ही हम संक्रमण की अगली लहर से प्रदेशवासियों को बचाने में कामयाब हो पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है। केन्द्र सरकार की ओर से वैैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए तो अगले दो माह में प्रदेश में निर्धारित आयुवर्ग के शेष बचे सभी लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के वैक्सीन लग चुकी थी, उन्हें संक्रमण की दूसरी लहर ने अधिक प्रभावित नहीं किया और ऐसे लोगों के जीवन को खतरा भी कम रहा। गहलोत ने कहा कि राजस्थान कोरोना के प्रबंधन में अव्वल रहा है। वैक्सीनेशन के मामले में भी बेहतर प्रबंधन से हम आगे बढ़ रहे है। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है और वैक्सीन वेस्टेज को एक प्रतिशत से नीचे लाने में हमें कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में चलाए गए व्यापक जागरूकता अभियान के परिणामस्वरूप राजस्थान में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में भ्रांति नहीं है और लोग आगे आकर वैक्सीन लगवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे वक्त में जबकि पूरा विश्व इस महामारी की मार झेल रहा है और वायरस लगातार अपने स्वरूप में बदलाव कर मेडिकल साइंस के समक्ष चुनौती प्रस्तुत कर रहा है, ऐसे में राज्य सरकार तमाम आशंकाओं को ध्यान में रखकर चिकित्सा व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ कर रही है। गहलोत ने कहा कि संकट के इस समय में इंसानियत ही हम सभी का पहला धर्म है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को सहारा देने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना लागू की है। इस योजना में अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक प्रतिमाह ढ़ाई हजार रूपये एवं 18 वर्ष पूरे होने पर 5 लाख रूपये दिए जाएंगे। तत्काल सहायता के रूप में राज्य सरकार एक लाख रूपये देगी। इससे इन बेसहारा बच्चों को संबल मिलेगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में आगे बढ़कर सहयोग करें। विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सी.पी. जोशी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के समय ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने अन्य राज्यों से लौटने वाले श्रमिकों एवं प्रवासियों के क्वारन्टाइन तथा उनका होम आइसोलेशन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से जुड़े विभिन्न पहलुओं एवं आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण कर आगे के लिए और भी बेहतर रणनीति तैयार करे। नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों को आॅक्सीजन उपलब्धता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनााने के उद्देश्य से 86 नगरीय निकायों में 131 आॅक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। इससे जुलाई माह तक 120 मैट्रिक टन अतिरिक्त आॅक्सीजन उपलब्ध होने लगेगी। चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश ने प्रतिदिन करीब 7 लाख वैक्सीन डोज लगाने की क्षमता विकसित कर ली है। वैक्सीन वेस्टेज को लगातार कम कर हम मात्र 0.8 प्रतिशत के स्तर पर ला चुके हैं और इसे शून्य तक लाने के लिए प्रयासरत हंै। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप राज्य में वैक्सीनेशन के लिए 18 हजार सेंटर्स बनाये गये हैं। वैक्सीन की डोज को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त स्टोरेज क्षमता उपलब्ध है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रही है। शिक्षा राज्यमंत्री   गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रबंधन के साथ-साथ वैक्सीनेशन की दिशा में भी मिशन मोड़ पर काम हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ निरंतर संवाद कर उनकी सलाह के अनुरूप जनहित में फैसले किये है जिनका देश के अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने जनप्रतिनिधियों सहित समाज के सभी वर्गों से वैक्सीनेशन अभियान में आगे बढ़कर भागीदारी निभाने का आहवान किया। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन को लेकर अब तक की प्रगति एवं आगे की तैयारियों की जानकारी दी। आरयूएचएस के कुलपति डाॅ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी एवं वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. वीरेन्द्र सिंह ने अधिक से अधिक वैक्सीनेशन को कोरोना संक्रमण से बचाव का कारगर उपाय बताया। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवरसिंह भाटी, खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना तथा मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, जिला कलक्टर, मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्य, पीएमओ, सीएमएचओ, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, नगरपालिका-नगरपरिषदों के चैयरमेन, पार्षद, सरपंच, वार्ड पंच आदि जनप्रतिनिधि तथा स्वयंसेवी संस्थाओं, एनएसएस, एनसीसी के प्रतिनिधि वीसी के माध्यम से जुड़े।

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