बुराइयां भारत छोड़ो का नारा करें बुलंद: संत ललितप्रभ
जोधपुर। संत ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि भारतवासियों ने प्रगति तो बहुत की है, पर हमारे देश में जीवन-मूल्यों की दुर्गति भी कम नहीं हुई है। जब सबने मिलकर देश-हित के बारे में सोचा तो हमें आजादी मिली,पर जब से हम खुद के बारे में सोचने लगे हैं,तब से हमारे हाथ में देश की बर्बादी आ रही है। आज भ्रष्टाचार बन गया है शिष्टाचार और दुराचार के रूप में आ रहा है गंदी मानसिकता का परिणाम।
संत ललितप्रभ ये बातें संबोधि धाम में दर्शनार्थ आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद हुआ तो देश को आजादी मिली अब हम बुराइयां भारत छोड़ो का नारा बुलंद करें ताकि देश के हर नागरिक को शांति और समृद्धि का आनंद मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर आपने दूसरे को धोखा दिया तो एक को धोखा देने का पाप लगेगा, किंतु अपने देश को धोखा दिया तो सवा करोड़ लोगों को धोखा देने का पाप लगेगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, रिश्वत, स्वार्थ, खुदगर्जी, दुराचार के चलते हमारा देश कलंकित हो चुका है। हम कब तक राम-कृष्ण-महावीर के दुबारा अवतार लेने की प्रतीक्षा करते रहेंगे। हमें भीतर में छिपे भगवान को प्रकट करना होगा और बुराइयों को खड़ेदना होगा।
संतप्रवर ने कहा कि देश में रामराज्य निर्मित होने की बजाय रामभरोसे देश की गाड़ी चल रही है। आरक्षण के नाम पर प्रतिभाओं का हनन हो रहा है, शिक्षा चरित्र निर्माण और समाज विकास की बजाय अर्थप्रधान हो गई है शिक्षा-चिकित्सा व्यवसाय बन गए हैं, गंदगी के कारण चारों तरफ बीमारियां पांव पसार चुकी है, धन के लिए करोड़ों का मांस निर्यात हो रहा है।