1060 हेक्टेयर जमीन रीको को सौंपी, तीन हजार करोड़ की परियोजना पर शीघ्र शुरू होगा काम
जोधपुर। दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर (डीएमएफसी) के किनारे जोधपुर-पाली के बीच नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के काम ने गति पकड़ ली है। लंबे अरसे से अधर में लटके इस कार्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद तेजी आई है। 1060 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) के नाम कर दी गई है। तीन हजार करोड़ की इस परियोजना पर शीघ्र ही रीको काम शुरू करेगा। इस मामले में हुई प्रगति का जायजा लेने डीएमआईसी के संयुक्त सचिव ने जोधपुर के संभागीय आयुक्त के साथ अब तक हुई प्रगति की समीक्षा कर इस पर संतोष जताया।
संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि जोधपुर-पाली के बीच 9 गांव में नए औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने पर सहमति बनी थी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पाया। बाद में मुख्यमंत्री ने इस बारे में प्रगति में तेजी लाने को कहा था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने डीएमएफसी की जिम्मेदारी रीको को सौंप दी। अब इन नौ गांवों में 260 हेक्टेयर निजी जमीन चिह्नित कर उसका भुगतान किया जा चुका है। वहीं 850 हेक्टेयर सरकारी जमीन को मिलाकर इसका म्यूटेशन रीको के नाम किया जा चुका है। अब रीको इस स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगा। मुख्यमंत्री की इच्छा है कि इस स्थान पर अन्य प्रदेशों में जाकर बसे प्रवासी राजस्थानी लोग आकर निवेश करे और अपना उद्योग स्थापित करें। डॉ. शर्मा ने बताया कि उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेन्द्र रतनू ने जोधपुर में उनके साथ इस बारे में विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान यहां स्थापित होने वाले उद्योगों के लिए पानी व बिजली की कुल प्रस्तावित खपत और उसके लिए व्यवस्था को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। रतनू ने तैयारियों को देख संतोष जताया। बाद में रतनू रीको को सौंपी गई जमीन को देखने पाली भी गए।