माया जाल में तू फंस गया है इस कदर ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन

सेवा भारती समाचार

जोधपुर। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा ऑनलाइन सृजन संवाद शृंखला के अंतर्गत कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में प्रदेश के जाने माने वरिष्ठ कवियों ने शिरकत की। अकादमी के सर्वोच मीरा पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ. ज्योतिपुंज, सुधीन्द्र पुरस्कार से पुरस्कृत गोविंद माथुर, सुधीन्द्र पुरस्कार प्राप्त डॉ. पद्मजा शर्मा, एवं रांगेय राघव पुरस्कार व सुधीन्द्र पुरस्कार प्राप्त डॉ. हरदान हर्ष ने भागीदारी की। कवि गोष्ठी का प्रारम्भ डॉ. पद्मजा शर्मा की कविता खो देगा से हुआ। इस कविता की अंतिम पंक्तिया हैं माया जाल में तू फंस गया है इस कदर देख लेना किसी दिन इंसानियत खो देगा। डॉ पद्मजा शर्मा ने पगडंडी हूं, अनछुई ऊंचाइयां, आंसू, वर्ना मत कहना, नींद, बन जाऊंगी मीरां, याद में, समय देने का शीर्षकों से कविताएं पढ़ीं। गोविंद माथुर ने प्रेम और श्रद्धा, दोस्ती और प्रेम, लुप्त होती नदी, अंतरात्मा, दुख और सुख आदि कविताई सुनाई। डॉ ज्योतिपुंज ने खुरदरे चेहरे की तलाश के माध्यम से कहा कि तुम्हें नहीं मालूम चेहरे के रूप रंग आकार प्रकार अब नई फैशन में आकर लोकार्पित होने लगे हैं। इस क्रम में आपने पानी तुझे प्रणाम शीर्षक गीत, गजल भी सुनाए। काव्य गोष्ठी के आखिर में डॉ. हरदान हर्ष ने धूप सरीखे हैं रिश्ते, वात्सल्य, एक दीवार खाली दीवार के साथ ही अनेक कविताएं सुनाई। कार्यक्रम के प्रारम्भ में समारोह प्रभारी ने संभागी रचनाकारों का परिचय दिया। अकादमी के जयप्रकाश भटनागर ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम को साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों द्वारा फेसबुक और यू ट्यूब पर देखा, सुना गया।

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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