कोरोना पर लिखी एसीपी ने कविता
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। पूरे देश में कोरोना का प्रकोप छाया है ऐसे में देश के आम नागरिक आज भी इस भयावह स्थिति को नजरअंदाज किए हुए हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा आमजन को घरों में रहने की हिदायत के साथ ही देश के कई प्रदेश व जिलों में महाकफ्र्यू के साथ ही कफ्र्यू व हाई रिस्क जोन घोषित किए गए है।
इसके चलते जोधपुर में एसीपी सेंट्रल कमल सिंह तंवर ने एक अनूठी मुहिम के साथ ही कविता को अपनी कलम से उकेरा है। इस कविता में आमजन से यह अपील की गई है कि वह घरों में ही रहे और घरों से बाहर नहीं निकले नहीं तो अपनों के साथ यह घात जैसा होगा। कविता में बड़े ही अनोखे ढंग से व्यक्ति विशेष को समझाने का प्रयास किया है कि अभी भी वक्त है आप घरों में रहें अगर आमजन शुरू के 10 दिनों में लॉक डाउन का पालन कर लेता तो आज यह गलियों में महाकफ्र्यू और कफ्र्यू के हालात नहीं होते। इस कविता को सजन रे झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है की तर्ज पर लिखा गया। साथ ही इसे इस गाने की धुन पर गायिका कविता पंवार ने अपने सुरों में पिरोया। यह कविता सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही आमजन को घर में रहने का संदेश दे रही है, तो वही पुलिस अधिकारी भी इस प्रयास को सराह रहे हैं।
यह है कविता-
घरों से बाहर मत निकलो, घरों में ठहर जाना है।
ना मुश्किल है ना बोझा है, कोरोना से बचाना है।
घरों से बाहर मत निकलो …
सडक़ पर घूमने का शौक, पड़ेगा महंगा कल के रोज।
गौर कर आज तू यह बात, बचा ले आदमी की जात।
ना कर अपनों से तू ये घात, मान ले स्याणों की तू बात।
घरों से बाहर मत निकलो …
शुरू के दस दिन तो तूने, लॉक डाउन को ना समझा,
और फिर कफ्र्यू के दौरां, गली में घर से तू निकला,
गली में घर से तू निकला, यही शिकवा सुनाना है।
घरों से बाहर मत निकलो …
सलामती अपनी तू चाहे, भलाई जग की तू चाहे,
तो घर में ही छुप जाना है, बाहर घर से नहीं आना है।
घरों से बाहर मत निकलो, घरों में ठहर जाना है।
ना मुश्किल है ना बोझा है, कोरोना से बचाना है।
घरों से बाहर मत निकलो …