जोधपुर विश्व के 30 प्रमुख प्रदूषित शहरों में शामिल

जोधपुर. हाल ही में जारी विश्व वायु प्रदूषण सूचकांक-2019 के अनुसार विश्व के 30 प्रमुख शहरों में 21 शहर भारत के हैं। इसमें जोधपुर भी शामिल है। जोधपुर में वर्षभर चलती धूल भरी हवा और आंधी के कारण इसको वायु प्रदूषित शहर माना गया है। हालांकि सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, ओजोन जैस वायु प्रदूषकों के मामले में जोधपुर खरा उतरा है।आईक्यूएयर एयर विजुअल की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक समस्त तीस शहर एशिया के है। इसमें सर्वाधिक प्रदूषित शहर भारत का गाजियाबाद और दूसरे स्थान पर चीन का होटन है। विश्व के 200 प्रमुख प्रदूषित शहरों में भी 178 भारत व चीन के हैं। हालांकि भारत में 2018 से 2019 के मुकाबले 98 प्रतिशत शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है लेकिन इसे केवल अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर सामने आया प्रभाव बताया गया है। वर्ष 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में जोधपुर को सबसे खराब वायु प्रदूषित शहरों में 14वां स्थान मिला था।

केवल धूल कणों के कारण परेशान है जोधपुर
जोधपुर सहित थार के अधिकांश इलाकों की हवा में धूल कणों की वेजह से बेजां प्रदूषण हो रखा है। हवा में पीएम-२.५ (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा ५० माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक होने पर अस्थमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत होती है। जोधपुर में हवा में अन्य प्रदूषकों सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड का स्तर काफी कम है यानी गाडि़यों व फैक्ट्रियों की वजह से होने वाला प्रदूषण काबू में है। अप्रेल, मई, जून महीने में हवा में धूल कण बढऩे से चिकित्सक श्वास व ह्रदय रोगियों को संभलकर रहने की सलाह देते हैं।

जोधपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई)
वर्ष ——– इंडेक्स
२०१७——– ८१.९
२०१८ ——– ११३.४
२०१९ ——– १०१
(वायू प्रदूषक मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में है। )

पिछले पांच दिनों में जोधपुर में प्रदूषण का स्तर
दिन ——– पीएम-२.५—–पीएम १०—-सल्फरडाईऑक्साइड—नाइट्रोजन डाईऑक्साइड-एक्यूआई
२१ फरवरी — ७०.१ ——– १६१.६ ——– ९.२ ——– २५.२——– १५९
२२ फरवरी — ७९.२ ——– १५४.३ ——– १०.१ ——– २५ ——–१६३
२३ फरवरी — ७८.९ ——– १८१ ——— ८.७ ——– २५.३ ——– १६३
२४ फरवरी — ५८.५ ——– १६९.९ ——– ११.३ ——– २८.४——–१५३
२५ फरवरी — ९८.४ ——– १८१.६ ——– १५.२ ——– ३०.२——–१७३
(वायू प्रदूषक मात्रा माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में है। पीएम कणों को छोडक़र शेष प्रदूषक अच्छे स्तर पर है।)

‘जोधपुर में वास्तव में वायु प्रदूषण का कारण बालू कण है। इसी के कारण हमारा शहर बार-बार सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में आता है जबकि वास्तविकता यह नहीं है। ’
डॉ एसके सिंह, सिविल विभाग, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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