घुड़सवार साईमा सैयद का शानदार स्वर्णिम प्रदर्शन

  • 60 किलोमीटर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम रहते हुए जीता गोल्ड मैडल
  • 80 किलोमीटर प्रतियोगिता के लिए किया क्वालीफाई
  • बेस्ट राइडर का मिला खिताब, नकद पुरस्कारों की भी हुई बरसात
जोधपुर। महाराष्ट्र के मेरठ में आयोजित नेशनल एंड्यूरेंस चैंपियनशिप में जोधपुर की उभरती हुई घुड़सवार साइमा सैयद ने शानदार प्रदर्शन किया। सायमा ने 60 किलोमीटर एंड्यूरेंस रेस में  बेहतरीन प्रदर्शन कर पहला स्थान प्राप्त किया और गोल्ड मेडल हासिल किया। साथ ही साईमा को ‘बेस्ट राइडर’ का खिताब भी दिया गया। इस स्वर्णिम प्रदर्शन के साथ साईमा ने 80 किलोमीटर स्पर्धा के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
एक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में साईमा देश की एक मात्र महिला राइडर रही जो 40 किलोमीटर में क्वालीफाई कर के 60 किलोमीटर की स्पर्धा के लिए योग्यता हासिल कर सकी। पुरुषों के वर्चस्व वाले इस खेल में साईमा ने 60 किलोमीटर प्रतिस्पर्धा में अपनी घोड़ी अरावली के साथ जबरदस्त दमखम दिखाते हुए पहला स्थान प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की। इस प्रदर्शन से साईमा ने सिर्फ गोल्ड मेडल ही नहीं जीता बल्कि वहां उपस्थित सैकड़ों लोगों का भी दिल भी जीता। जब साईमा लास्ट लूप पूरा कर के फीनेसिंग पॉइंट से करीब 500 मीटर दूर थी तभी वहां उपस्थित देश-विदेश के सेकड़ो घुड़सवारों, अतिथियों और दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाते हुए उसका स्वागत और उसका उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता में यह करिश्मा करने वाली वह एकमात्र राइडर रही।
इंडगेनोस हॉर्स ऑनर्स एसोसिएशन और महाराष्ट्र एक्वेस्ट्रियन ग्रुप की मेजबानी में आयोजित इस प्रतियोगिता में 20, 40 और 60 किलोमीटर स्पर्धाओं में देश भर के घुड़सवारों ने भाग लिया। चुनोतिपूर्ण ट्रैक पर 20 और 40 किलोमीटर की स्पर्धा तो कई घुड़सवारों ने पूरी की लैकिन 60 किलोमीटर की स्पर्धा सिर्फ साईमा ही पूरी कर सकी।
प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने पर साईमा सैयद को आयोजको की और से नकद पुरस्कार भी दिये गए। इंडगेनोस हॉर्स ऑनर्स एसोसिएशन की ओर से साईमा को ग्यारह हजार रुपयों का नकद पुरस्कार दिया गया। इसी तरह मास्टर राइडर और समाजसेवी अजीम भाई की ओर से साईमा को ढाई हजार रुपयों का नकद पुरस्कार दिया गया।
इसलिए हैं बड़ी उपलब्धि
घुड़सवारी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें महिलाओं के लिए अलग से प्रतियोगिता नहीं होती बल्कि महिलाओं को पुरुषों से मुकाबला करके ही प्रतियोगिता जीतने होती है। ऐसे में पुरुषों के इस वर्चस्व वाले खेल में सायमा की यह उपलब्धि काबिले तारीफ है। पूर्व में भी उसने 40 किलोमीटर पुरुषों से मुकाबला करके प्रतियोगिता जीती थी और इस बार 60 किलोमीटर स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन कर खिताब जीता।
प्रशिक्षकों की रही अहम भूमिका
उदीयमान घुड़सवार सायमा शायद पिछले कुछ वर्षों से चोपासनी मयूर चोपासनी स्कूल में पढ़ते हुए प्रशिक्षक रेवता राम से घुड़सवारी का प्रशिक्षण ले रही है लेकिन अग्रिम प्रशिक्षण के लिए उसे स्पर्धा के विशेषज्ञ प्रशिक्षक की आवश्यकता थी। इस कमी को पूरा किया अपने जमाने के वि यात घुड़सवार रहे गौरव जोशी ने गौरव ने सायमा को मार्गदर्शन दिया। इसके बाद साईमा ने अहमदाबाद वि यात एचआरजी ग्रुप के प्रशिक्षक करण पटेल और उनके साथियों से गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया जिसकी परिणति में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकी।
वन स्टार बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ
एंडोरेंस रेस में शिरकत करने वाले हर घुड़सवार की इच्छा होती है कि वह ‘वन स्टारÓ बने। वन स्टार बनने के लिए पहले 40 किलोमीटर और फिर 60 किलोमीटर रेस में क्वालीफाई करना होता है। तत्पश्चात 80 किलोमीटर की 2 प्रतियोगिताओं में क्वालीफाई करना आवश्यक होता है। साईमा सैयद ने 40 और 60 किलोमीटर की स्पर्धाओं में क्वालीफाई करने के बाद अब  80 किलोमीटर स्पर्धा में भाग लेने की योग्यता हासिल कर ली है। इस तरह सायमा के इस प्रदर्शन से उसके ‘वन स्टार’ बनने का मार्ग खुल गया है।
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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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