सीएचसी झंवर में पांचवा सफल सीजेरियन प्रसव
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। मुख्यमंत्री ने स्वस्थ व समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से निरोगी राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक स्वस्थ व समृद्ध रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि इसी के तहत मातृ-शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने के उद्देश्य से सरकारी चिकित्सा संस्थानों में भी सामान्य प्रसव के साथ ही सिजेरियन प्रसव की सुविधाएं निरन्तर बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते नोन-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से संचालित की जा रही है। बुधवार को जिले के झंवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांचवा सफल सिजेरियन प्रसव किया गया, साथ ही दो अन्य सामान्य प्रसव करवाये गए। झंवर सीएचसी प्रभारी अधिकारी प्रभारी डॉ. महेंद्र प्रकाश सोनी ने बताया कि हरढाणी निवासी 24 वर्षीय सुमित्रा अस्पताल में जांच करवाने आयी, जहां पर चिकित्सको की टीम द्वारा रिपोर्ट आदि की जांच करने पर पाया कि सोनोग्राफी में दी गई डिलेवरी की तारीख भी निकल चुकी थी। वही सुमित्रा के दोनों हाथ फ्रेक्चर होने की वजह से काम नही कर रहे थे। इस पर चिकित्सकों की टीम ने तय किया कि सुमित्रा का सीजेरियन प्रसव किया जाना उचित रहेगा। इसके बाद कोविड-19 कि गाइडलाइन के समस्त प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सफल सीजेरियन प्रसव कर एक लडक़ी को जन्म दिया। प्रसव के बाद जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ है और चिकित्सको की टीम द्वारा निरन्तर देखभाल की जा रही है। सीजेरियन प्रसव टीम में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र प्रकाश सोनी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हंसा सोनी, सर्जन डॉ. कृष्णा कुमार माहेश्वरी, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कुमार सोनी, नर्सिंग स्टाफ ओमप्रकाश चौधरी, लक्षमण सोनी आदि की टीम ने अहम भूमिका निभाई। एक जुड़वा प्रसव सहित दो अन्य सामान्य प्रसव: प्रभारी डॉ महेन्द्र प्रकाश सोनी ने बताया कि वहीं बुधवार को दो सामान्य प्रसव भी करवाए गए जिसमें बोरानाडा निवासी 25 वर्षीय संगीता के सामान्य प्रसव करवाया गया। इसमें नवजात शिशु जन्मजात विकृति से ग्रसित पैदा हुआ, जिसका प्राथमिक उपचार कर उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा के लिए जोधपुर के उम्मेद अस्पताल को रेफर किया गया। वही पाल निवासी 20 वर्षीय धापू प्रसव पीड़ा के साथ सीएचसी झंवर में भर्ती हुई जहां पर चिकित्सको की टीम द्वारा दो जुड़वा बेटियों को जन्म दिया।