स्वर्गीय कैलाश देवी लीला की द्वितीय पुण्यतिथि पर विशाल रक्तदान शिविर
101 यूनिट रक्त संग्रह, महिलाओं व युवाओं की रही विशेष सहभागिता
जोधपुर। स्वर्गीय श्रीमती कैलाश देवी लीला की द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर श्री अग्रसेन संस्थान, लायंस क्लब जोधपुर सेंट्रल, वंदे भारत सेवा संस्थान एवं जेसीआई जोधपुर सनसिटी के संयुक्त तत्वावधान में श्री अग्रसेन संस्थान परिसर में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। भीषण गर्मी और ब्लड बैंकों में रक्त की कमी को देखते हुए आयोजित इस शिविर में कुल 101 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।
संस्थान अध्यक्ष श्री उमेश लीला ने बताया कि यह शिविर थैलेसीमिया पीड़ितों व ज़रूरतमंद मरीजों के लिए समर्पित था। रक्त संग्रहण में एमडीएम, रोटरी क्लब और पारस ब्लड बैंक की टीमों ने योगदान दिया।
संस्थान सचिव अनिल कुमार सिंघल व उपाध्यक्ष राकेश बंसल ने बताया कि शिविर में पति-पत्नी सहित कई परिवारों, युवा वर्ग और महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी रही। महाराज श्री हरिराम जी शास्त्री ने विशेष रूप से पधारकर रक्तदान के कार्य को सराहते हुए आशीर्वाद प्रदान किया।
इस अवसर पर बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अखिल रंजन गर्ग, लायंस मल्टीप्ल अध्यक्ष डॉ. संजीव जैन, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, पूर्व विधायिका श्रीमती मनीषा पवार, पूर्व जेडीए अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह सोलंकी, वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. नगेंद्र शर्मा सहित शहर की कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं।
लघु उद्योग भारती अध्यक्ष श्री ओझा ने कहा, “रक्तदान सबसे बड़ा दान है, जो किसी भी क्षण किसी की जान बचा सकता है।”
पूर्व विधायिका मनीषा पवार ने श्री अग्रसेन संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था सदैव समाजसेवा में अग्रणी रही है।
वंदे भारत सेवा संस्थान, जिसकी स्थापना भी कैलाश देवी लीला की प्रथम पुण्यतिथि पर हुई थी, ने एक वर्ष में सैकड़ों ज़रूरतमंदों तक रक्त पहुंचाने का कार्य किया है। संस्थान के नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि संस्था 24 घंटे सेवाओं के लिए तत्पर रहती है।
इस रक्तदान शिविर में लायंस क्लब, जेसीआई, रोटरी क्लब, बासनी अग्रवाल समाज, त्रिपोलिया व्यापार संघ सहित कई सामाजिक संस्थाओं और स्वयंसेवियों का सक्रिय सहयोग रहा।
अंत में वंदे भारत सेवा संस्थान की ओर से श्री अग्रसेन संस्थान की नव-निर्वाचित कार्यकारिणी का भव्य स्वागत किया गया।
यह शिविर समाज सेवा, समर्पण और मानवीय संवेदनाओं का उत्कृष्ट उदाहरण बना, जिसमें स्व. कैलाश देवी लीला की पुण्य स्मृति को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई।