प्रो. सेंगवा ने बनाई विश्व के टॉप वन प्रतिशत वैज्ञानिकों में जगह
सेवा भारती समाचार।
जोधपुर। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरज. सेंगवा ने अपने शोध कार्यों तथा उनकी उपयोगिताओं को उच्च इम्पेक्ट रिसर्च पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाकर दुनिया के टॉप वन प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान बनाया है। अमरीका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विश्वभर के सभी वैज्ञानिकों के रिसर्च का इल्सिवियर द्वारा संचालित स्कोपस् तथा आईसीएसआर लेब के क्लाउड-आधारित क्म्पूटेशनल् प्लेटफार्म का उपयोग करके मूल्यांकन किया तथा टॉप वैज्ञानिकों की सूची जारी की जो मेंडिले पर उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों के कार्यों की गुणवत्ता तथा उपयोगिता मापन की सम्पूर्ण विधि को प्लोस बायलोजी पत्रिका के अक्टूबर अंक में उपयोगी वेब लिंक के साथ प्रकाशित किया है।
प्रोफेसर डॉ. आरजे सेंगवा ने पोलिमर टेक्नोलोजी के क्षेत्र में अनेक पोलिमर नैनोक्पोजिट्स की संरचना करके उनका गहन अध्ययन किया तथा लचीले प्रकार के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के निर्माण में नैनोडाइइलेक्ट्रिक के रूप में उपयोगिता को समझाया। ऊर्जा स्टोरेज के क्षेत्र में लिथियम ऑयन बैटरीज के निमार्ण में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के ठोस पोलिमर इलेक्ट्रालाईट्स को बनाकर उनमें लिथियम् ऑयन के प्रवाह की जटिलताओं को डॉइइलेक्ट्रिक रिलेक्सेशन स्पेक्ट्रोस्कोपी से समझाया। इस रिसर्च के आधार पर ‘पोलिमर क्षेत्र’ में प्रोफेसर सेंगवा ने विश्व पटल पर 636वीं रैंक हासिल की तथा भारत के वैज्ञानिकों में 9वीं रैंक प्राप्त की। प्रो. सेंगवा के अब तक 158 रिसर्च पेपर विश्व स्तर की प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रो. सेंगवा ने भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न संस्थानों से शोध प्रोजेक्ट हासिल कर भौतिक विभाग में कई शोध उपकरणों को स्थापित किया है। प्रो. सेंगवा ने साफ्ट् कन्डेन्स् मेटर के क्षेत्र में भी उच्च गुणवत्ता का रिसर्च कार्य पब्लिश किया है।
प्रो. सेंगवा ने भारत के वैज्ञानिकों के अलावा जापान तथा पोलेण्ड के वैज्ञानिकों के साथ शोध कार्य को प्रकाशित किया है। प्रो. सेंगवा कई प्रतिष्ठित शोध जरनलस में सम्पादकीय बोर्ड के सदस्य है। इसके अलावा प्रो. सेंगवा विश्व की मुख्यत: इल्सिवियर, स्प्रिंगर, विले, टेलर एंड फ्रांसिस, असीएस द्वारा संचालित अनेकों शोध जरनलस में प्रकाशन हेतु आने वाले शोध को रिव्यू करके रिसर्च की गुणवत्ता को बनाये रखने के क्षेत्र में अपना लगातार योगदान दे रहे है।