डॉ. पटेल दक्षिण कोरिया में करेंगें शोध-पत्र प्रस्तुत
पंद्रहवीं आईएपीबी कॉन्फ्रेंस में लेंगे हिस्सा
जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के वनस्पतिशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अशोक कुमार पटेल पंद्रहवीं इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़ॉर प्लांट बायोटेक्नोलॉजी कांग्रेस में भाग लेने दक्षिण कोरिया जाएँगे। वनस्पतिशास्त्र विभागाध्यक्षा प्रोफेसर सुनीता अरोड़ा ने बताया कि डॉ. पटेल दक्षिण कोरिया के देजीऑन शहर में 6 से 11 अगस्त तक होने वाली पंद्रहवीं इंटरनेशनल एसोसिएशन फ़ॉर प्लांट बायोटेक्नोलॉजी कांग्रेस में भाग लेंगे।
डॉ. पटेल इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में अपना शोध-पत्र ‘मेटा-टोपोलिन इन्डयूसड एफ्फिशीएंट माईक्रोप्रोपेगेगेशन ऑफ फ़ेगोनिया इंडिकाः ए पोटेंशियल सोर्स ऑफ एन्टी-ब्रेस्ट कैंसर ड्रग्स’ प्रस्तुत करेंगे। डॉ. पटेल थार मरुस्थल में पाई जाने वाली संकटग्रस्त एवं स्थानिक प्रजातियों (जैसे-कारालुमा एडुलिस (पैम्पा), लेप्टाडेनिया रेटिकुलेटा (जीवंती), ब्लिटिया स्पिरेलिस (दूधली), ग्लॉसोनेमा वैरिेंएस (खिरोली), कैडाबा फ्रूइटिकोसा (बहुगुणी), मित्रागायना परविफोलिया (कदंब), सिलास्ट्रॉस पैनिक्युलाटा (मालकांगनी), अल्हागी मौरोरम (ऊँट-कांटा), इफेड्रा फोलियाटा (ऊँट-फोग) के पादप उत्तक संवर्धन तकनीको द्वारा एक्स सिटु संरक्षण पर पिछले 13 वर्षों से शोध कार्य कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने औषधीय एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पादप (जैसे-कैपेरिस डेसीडुआ, साल्वाडोरा ओलियोइडिस, अरनेबिया हिसपीडिसिमा, मोमोरडिका डायोइका, टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया, प्यूनिका ग्रेनेटम) पर भी पादप उत्तक संवर्धन विधियों से विभिन्न प्रोटोकॉल विकसित किये है एवं कई पादपों का डीएनए मार्कर्स द्वारा जेनेटिक होमोजैनेइटी असेसमेंट भी किया हैं।
डॉ. पटेल ने अपना शोध कार्य वनस्पतिशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नरपत सिंह शेखावत के दिशा-निर्देशन में किया है। डॉ. पटेल को इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने हेतु भारत सरकार के साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) ने वित्तीय सहयोग प्रदान किया है। गौरतलब है कि डॉ. पटेल को एसईआरबी ने चौथी बार ये वित्तीय सहायता (इंटरनेशनल ट्रेवल सपोर्ट) दी है। इससे पहले डॉ. पटेल ने आयरलैंड में आयोजित इसी श्रृंखला की चौदहवीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भी भाग लिया था। डॉ. पटेल ने इसी तरह शोध एवं अकादमिक कार्यों के चलते फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, इंग्लैण्ड जैसे देशों की यात्रा भी की है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के. एल. श्रीवास्तव ने डॉ. पटेल को शुभकामनाएं दी।