सकारात्मक सोच से मन बनता है मजबूत: चन्द्रप्रभ
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। संत चन्द्रप्रभ महाराज ने कहा कि हमें अपने मन को हमेशा सकारात्मक बनाए रखना चाहिए क्योंकि जीवन में शरीर की दुर्बलता से ज्यादा प्रभावी मन की दुर्बलता होती है, जो आदमी के मन को हर ओर से कमजोर कर देती है। सकारात्मक सोच का व्यक्ति संघर्षों घिर कर टूटता नहीं है, अपितु और अधिक मजबूत बन कर निखरकर आता है। संत यहां कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में फेसबुक पर हो रहे लाइव प्रवचन में देशभर के हजारों श्रावकजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि हमें सूर्योदय से पहले जगने की आदत रखनी चाहिए और आंख खुलते ही शुक्राना अदा करते हुए परमपिता परमेश्वर को प्रणाम अवश्य समर्पित करना चाहिए। इससे हमारा पूरा दिन न केवल सफल होता है अपितु सार्थक और सुरक्षित भी रहता है। हमें प्रभातकाल में परिवार के सभी सदस्यों को सदï्भावनाएं अवश्य देनी चाहिए। बड़ों का अभिवादन एवं उन्हें प्रणाम करके जो लोग अपने दिन की शुरुआत करते हैं, उनके 24 घंटे तक दुआएं और आशीर्वाद का रक्षा कवच सदा साथ रहता है।
संतप्रवर ने कहा कि हमें हर सुबह एक घंटा अपने स्वास्थ्य के लिए जरूर समर्पित करना चाहिए। शरीरिक ऊर्जा के लिए 20 मिनट टहलना चाहिए, प्राणऊर्जा को बढ़ाने के लिए 20 मिनट योग और प्राणायाम करना चाहिए और मानसिक शांति एवं आध्यात्मिक चेतना के लिए 20 मिनट ध्यान और प्रार्थना अवश्य करना चाहिए। ध्यान में हमें आती जाती सांसों पर 5 मिनट ध्यान केन्द्रित करना चाहिए और 5 मिनट तक लम्बी गहरी सांसों को लेकर अपनी प्राण-शक्ति को जगाना चाहिए। ध्यान में अंतिम 5 मिनट अपने आज्ञाचक्र पर केन्द्रित होना चाहिए ताकि हम ब्रह्माण्ड की दिव्य ऊर्जा से जुड़ सकें। संत ने कहा कि शांति का प्रकाश हमें अपने भीतर घटित करना होता है। शांति मनुष्य को बाहर के निमित्त से नहीं मिलती। हो सकता है कि गृहस्थी के पास सुविधाएं ज्यादा हो पर भीतर की शांति तो किसी आत्मार्थी साधक को ही प्राप्त हो सकती है।