पाली पहुंची ‘स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत’ यात्रा, हुआ भव्य स्वागत

देश को समझने, जोड़ने और जागरूकता फैलाने निकली राधा गोविंद की ‘अखंड यात्रा’

पाली। स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत देखने और उसे समझने की अनूठी पहल के तहत मुंबई निवासी एडवोकेट राधा गोविन्द छीपा द्वारा शुरू की गई ‘विवेकानंद ज्योति ज्ञान यात्रा’ का गुरुवार को पाली पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।

राधा गोविंद अपने 7 वर्षीय बेटे सहज छीपा के साथ यह यात्रा कर रहे हैं, जिसे उन्होंने ‘अखंड यात्रा’ नाम दिया है। यह यात्रा 15 अगस्त 2024 को दिल्ली से शुरू की गई थी और अब तक वे 26 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा कर चुके हैं।

कोरोनाकाल में बदला जीवन का उद्देश्य : राधा गोविंद ने बताया कि वे पेशे से वकील हैं, लेकिन कोरोनाकाल के दौरान उन्हें अहसास हुआ कि उनके जीवन का उद्देश्य कुछ और है। तभी से उन्होंने गरीब बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। इसके बाद भारत को नज़दीक से समझने के उद्देश्य से यह यात्रा प्रारंभ की।

यात्रा के उद्देश्य: महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य, कला व शिल्प, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण,  पर्यावरण जागरूकता, नशामुक्ति, ग्रामीण और समग्र विकास

यात्रा के अनुभव:

राधा गोविंद ने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के शौर्य स्थलों, सांस्कृतिक केंद्रों, ऐतिहासिक स्मारकों और ग्रामीण अंचलों का दौरा किया।

उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत की यात्रा में भाषा की बाधा सबसे बड़ी चुनौती बनी, जो देश को जोड़ने की बजाय बांटने का काम करती दिखी।

साथ ही युवाओं में नशाखोरी की प्रवृत्ति और शिक्षा की कमजोर स्थिति भी कई राज्यों में चिंताजनक रूप में सामने आई।

यात्रा का समापन और उद्देश्य:

यह यात्रा आगामी 15 अगस्त 2025 को दिल्ली में समाप्त होगी। राधा गोविंद इस दौरान तैयार किए गए अनुभवों व निष्कर्षों पर आधारित प्रेजेंटेशन प्रधानमंत्री को सौंपने का प्रयास करेंगे।

वे स्वयं भी इन विषयों पर मूल्य आधारित कार्य करना जारी रखेंगे।

पाली में उनकी पहल को नागरिकों और समाजसेवियों द्वारा सराहना मिली और उनका स्वागत उत्साहपूर्वक किया गया। यात्रा न केवल देश की विविधताओं को जोड़ने का माध्यम बन रही है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और सकारात्म

क बदलाव की प्रेरणा भी दे रही है।

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