आफरी में हिन्दी सप्ताह का शुभारंभ
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) में हिंदी सप्ताह का शुभारंभ हुआ जिसमें संस्थान के सहायक निदेशक (राजभाषा) कैलाशचन्द गुप्ता ने भारत के गृह मंत्री और भारत सरकार के मंत्रिमंडल सचिव के हिंदी दिवस के संदेशों का वाचन किया। उन्होंने हिंदी सप्ताह के दौरान हिंदी राजभाषा बोध, हिंदी टिप्पण-आलेखन, हिंदी टंकण व काव्य पाठ प्रतियोगिताओं के आयोजन की जानकारी दी। संस्थान निदेशक एमआर बालोच ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे देश की भाषाएं संस्कृत से प्रभावित है तथा संस्कृत के शब्द उनमें समाहित हैं। भाषाओं की लिपि में कमोबेश बदलाव होता है। भाषा का प्रभाव संस्कृति को भी प्रभावित करता है। उन्होंने संस्थान में हो रहे हिंदी कामकाज की सराहना करते हुए सभी को अपनी भाषा से जुड़ाव रखने को कहा तथा सरकारी कार्यों में राजभाषा को बढ़ावा देने का आह्वान किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. इन्द्रदेव आर्य ने कहा कि अपनी भाषा में ही बात को सही ढंग से व्यक्त करते की क्षमता है। हम हिंदी भाषी हैं इसलिए हमारे लिए हिंदी का प्रयोग सहज रहता है। उन्होंने राजभाषा हिंदी पर उपयोगी जानकारी संबंधी व्याख्यान समय-समय पर आयोजित किए जाने का प्रस्ताव करते हुए कहा कि इससे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है तथा जानकारी अपडेट होती रहती है। आफरी के समूह समन्वयक (शोध) डॉ. जी. सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए तथा प्रयास हों कि अधिकाधिक संवाद व लेखन अपनी भाषा में ही हों। कार्यक्रम के दौरान अनुवादक अजय वशिष्ठ ने सहयोग किया।