सीपीआर से बचाई जा सकती है जान

जोधपुर। रूद्राक्ष एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी जोधपुर तथा राष्ट्रीय बहुविकलांग सशक्तिकरण संस्थान चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सीआरई प्रोग्राम के द्वितीय दिवस महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइन्स एण्ड टेकनोलॉजी में मनोचिकित्सा विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सुशील रोहिवाल ने परिवार एवं परिजनों की अवधारणा तथा उनकी भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम माता तथा पिता की भूमिका अहम होती है, यदि वे ही बच्चों को उनकी अक्षमताओं के साथ स्वीकार करें तथा उनकी विशेष प्रकार की आवश्यकताओं को समझ कर उन्हें पूरी तरह से अपना लें तो बच्चे सहज ही पुनर्वासित हो सकते हैं। विशेषकर शुरुआती तीन वर्षों में यदि बच्चों की ठीक प्रकार से आवश्यकताओं को समझा जाये तो बच्चों हेतु उचित कार्यक्रम योजना बनाकर हम उन्हें लाभान्वित कर सकते हैं। द्वितीय सत्र में सहायक आचार्य शोभा चौधरी ने अभिभावकों की आवश्यकताओं का आंकलन तथा इसके निहितार्थ पर चर्चा की। वहीं भोजनावकाश के पश्चात के सत्र में महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत पुनर्वास मनोवैज्ञानिक गजेन्द्र लोधवाल ने मानव विकास की अवस्थाओं व विचलनों के संदर्भ में व्याख्यान दिया। अगले सत्र में रूद्राक्ष एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी जोधपुर में व्याख्याता डॉ.योगेन्द्र सिंह शेखावत ने शीघ्र हस्तक्षेपन पर परिचर्चा की। इस कार्यक्रम के पश्चात विशेष सत्र में डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के पूर्व सहायक आचार्य प्रो. राजेन्द्र तातेड़ ने सीपीआर के माध्यम से व्यक्ति के जीवन की रक्षा किस प्रकार से की जाये उस विषय पर प्रकाश डाला। डॉ. तातेड़ ने हार्टफेल के दौरान, पानी में डूबने पर, करंट लगने पर तथा दम घुटने की स्थिति में महत्पूर्ण प्रथम दस मिनट के अंदर किस प्रकार सीपीआर दी जा सकती है इसे प्रायोगिक तौर पर कर के दिखाया।

 

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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