- गणाधीष प्रवर की 31 दिवसीय मौन साधना की पूर्णाहुति गुरूवार को
बाड़मेर। बाड़मेर शहर में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के तत्वाधान में मंगलवार को भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक व अंनतलब्धिनिधान गौतम स्वामी महाराज के केवलज्ञान के उपलक्ष में परम पूज्य नंदीषेणमुनिजी, विरागमुनिजी, भव्यमुनिजी की पावन निश्रा व साध्वी विरतियशाश्री व साध्वी विनम्रयशाश्री के पावन सान्निध्य में खागल मौहल्ला स्थित शांतिनाथ जिनालय में भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष निर्वाण कल्याणक का लड्डू एवं आदिनाथ जिनालय में गौतमस्वामी जी की प्रतिमा के समक्ष केवलज्ञान का लड्डू व दादावाड़ी में दादागुरूदेव की प्रतिमा के समक्ष लड्डू चढ़ाया गया तत्पश्चात् नूतन वर्ष के उपलक्ष में बालमुनि भव्यमुनि द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं के समक्ष सप्त स्मरण का पाठ, भक्तामर स्त्रोत, गौतमस्वामी रास, दादा गुरूदेव इकतीसा पाठ के साथ नूतन वर्ष की मांगलिक प्रदान की गई।
गणाधीष प्रवर की 31 दिवसीय मौन साधना की पूर्णाहुति गुरूवार को-
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति, बाड़मेर सचिव रमेश पारख व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि परम पूज्य गणाधीश प्रवर श्री विनयकुशलमुनिजी महाराज साहब 31 दिवसीय एकांत पन्यास मंत्र व वर्धमान विद्या की मौन साधना में साधनारत है। जिनकी साधना की पूर्णाहुति 31 अक्टूबर को होगी इस अवसर पर चातुर्मास समिति द्वारा भव्य महामांगलिक का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम को लेकर प्रचार-प्रसार जोर-शोर से चल रहा है। गुरूवार को साधना की पूर्णाहुति के उपरांत गणाधीश प्रवर के मुखारविंद से प्रथम बार पन्यास मंत्र व वर्धमान विद्या के गुंफित मंत्रों से युक्त महामांगलिक प्रदान की जायेगी। महामांगलिक में जयपुर, गुजरात, मध्यप्रदेश सहित बाड़मेर जिलें के कई स्थानों से भक्तगण शिरकत करे गंे। गणाधीश प्रवर को साधना कक्ष से बाहर निकलने पर सर्वप्रथम केसर के छांटना करने का लाभ मांगीलाल चिंतामणदास संखलेचा परिवार व प्रथम गुरूपूजन करने लाभ शांतिलाल डामरचंद छाजेड़ परिवार ने लिया।
बाड़मेर (सेवा भारती )। बाड़मेर के सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्रामोदय के प्रेरक मुकेश बोहरा अमन को उल्लेखनीय समाज सेवा से जुड़े बेहतरीन व प्रभावशाली गतिविधियों व कार्याें के लिए मां दक्षिणा काली सेवा परमार्थी ट्रस्ट, जयपुर की ओर से गुरूवार को प्रदेश की राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित किया गया । सम्मान समारोह में जयपुर के विख्यात श्री गोविन्द देव जी मंदिर के महंत श्री महाराज गोस्वामी , समाजसेविका ललिता संजीव महरवाल, राजकंवर राठौड़, ट्रस्ट अध्यक्ष केशरसिंह राठौड़ सहित कई अतिथियों ने सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश बोहरा अमन को राष्ट्रीय कर्मयोगी सम्मान प्रदान किया । मां दक्षिणा काली सेवा परमार्थी ट्रस्ट, जयपुर के ट्रस्टी केसरसिंह राठौड़ ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बाड़मेर जिले के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अभियान ग्रामोदय के प्रेरक मुकेश बोहरा अमन को समाज सेवा के क्षेत्र में अभियान ग्रामोदय, जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा, साहित्य, महिला सशक्तिकरण, नशामुक्ति अभियान, पर्यावरण संरक्षण, ओरण-गोचर संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय व स्मरणीय कार्याें के लिए गुरूवार को भव्य समारोह में मां दक्षिणा काली सेवा परमार्थी ट्रस्ट, जयपुर की ओर दुपट्टा, प्रशस्ति-पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर राष्ट्रीय कर्मयोगी सम्मान से विभूषित किया गया ।
बाड़मेर (सेवा भारती )। स्थानीय आराधना भवन में श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास व्यवस्था समिति के तत्वावधान में आयोजित नवपद ओली आराधना के प्रथम दिन शनिवार को प्रवचन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर जैन मुनि श्री विरागमुनिजी महाराज ने कहा कि नवपद की आराधना जन्म-जरा-मृत्यु के महाभयंकर रोग को मिटाकर अक्षय सुख प्रदान करती है तथा आराधना से ही बाह्य-अभ्यंतर सुख की प्राप्ति होती है। नवपद की आराधना करके भूतकाल में असंख्य आत्माएं मोक्ष में गई, वर्तमान में जा रही है और भविष्य में जायेगी।
मुनिश्री ने कहा कि दिपावली, रक्षाबंधन, पर्युषण आदि पर्व साल में एक बार आते है लेकिन शाश्वत नवपद ओलीजी साल में दो बार चैत्र मास व आसोज मास में आती है। अरिहंत के बिना जैन जगत संभव ही नही है। अरिहंत की वास्तविक भक्ति देखनी है तो उनके प्रति पूर्ण समर्पण जरूरी है। अरिंहत के बिना नवपद के बाकी आठ पद भी संभव नही है। अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु, दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप की साधना ही नवपद ओली आराधना का सार है। यह आराधना आत्मिक एवं शारीरिक आरोग्य बढ़ाती है, कर्मो की निर्जरा तथा शारीरिक व्याधि को दूर करती है। उन्होंने कहा कि श्री सिद्धचक्र यंत्र नवपद की उपासना का श्रेष्ठ माध्यम है। इस यंत्र में पंचपरमेष्ठी, चैबीस यक्ष-यक्षिणी, सोलह विद्या-देवियां, अट्ठाइस लब्धियां, नवनिधि, अष्टसिद्धि, अष्टमंगल व नवग्रह का समावेश ज्ञानियों की ओर से किया गया है। इस यंत्र की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जैन मुनि ने कहा कि नवपद ओली का तप आयंबिल से किया जाता है। बिना तेल-घी मिर्च-मसालों का मात्र उबला हुआ आहार आयंबिल में लिया जाता है, जो कि शरीर के आरोग्य का विशेष तंत्र है। इतिहास प्रसिद्ध राजकुमार श्रीपाल एवं मयणासुंदरी ने श्री सिद्धचक्र एवं नवपद की आराधना से जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति तथा यश कीर्ति प्रतिष्ठा को पाया था। नवपद की आराधना से रोग, कष्ट मिट जाते हैं। मैना सुंदरी की नवपद आराधना की शक्ति से पति सहित 700 कौडियों के रोग स्वस्थ हो गए थे। गुरु के वचनों के प्रति सच्ची श्रद्धा हो तो आत्मा का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि सम्यक श्रद्धा जगी नहीं है चिंतन का विषय है परमात्मा को धन्यवाद देना चाहिए। प्रभु हमें संबल दे कि जीवन में किसी प्रकार का घिनौना कार्य लोभ तृष्णा नहीं करें। जब तक गुण नही हो तब तक की गई साधना आराधना मात्र संसारवृद्धि का कारण बनती है। जीवन में अनेक आनंद है सम्यक चाबी गुरु के पास ही होती है। गुरु के वचनों पर श्रद्धा होनी चाहिए। भोग के प्रति हर व्यक्ति आसक्त रहता है। गुरु और जिनवाणी के प्रति सम्यक श्रद्धा बहुत कम होती है। इस अवसर पर सैकड़ों साधकों ने नवपद ओली की आराधना प्रारंभ की। खरतरगच्छ चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष प्रकाशचंद संखलेचा व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि शनिवार से शाश्वत नवपदजी की ओलीजी तप की आराधना प्रारम्भ हुई जिसमें सैकड़ों की संख्या में आराधकों ने नवपदजी की ओली प्रारम्भ की यह आराधना जप तक अनुष्ठान के साथ 13 अक्टूबर को सम्पूर्ण होगी। इस अवधि में आराधक को प्रतिदिन प्रतिक्रमण, सामायिक, स्नात्र पूजा, प्रवचन, देववंदन, आयंबिल, स्वाध्याय, सायं प्रतिक्रमण रात्रि भक्ति, माला, जाप, प्रदक्षिणा, साथिया आदि क्रियाएं सम्पन्न करनी होती है। जैन शास्त्रों में उल्लेख है कि हजारों वर्ष पूर्व महाराजा श्रीपाल व मैना सुंदरी ने उज्जयिनी में तप आराधना की थी, जिससे उनका कुष्ठ रोग दूर हुआ व उन्हें अपना खोया हुआ राज्य वापस मिला था। नवपद ओलीजी करवाने का सम्पूर्ण लाभ सुआदेवी धर्मपत्नी शंकरलाल मालू परिवार लालजी की डूंगरी वालों ने लिया है।
ऐसे होता है ओली तपः ओली तप में आराधक एक बैठक पर एक समय भोजन करता है। पानी उबला व भोजन रुखा अर्थात तेल, मिर्च-मसाल, नमक, घी, दूध, शक्कर-गुड़ आदि से रहित होता है। आराधक प्रातः भक्तामर पाठ, सामायिक, पूजन, प्रवचन श्रवण तथा दोपहर को देववंदन व संध्या प्रतिक्रमण तथा निर्धारित माला जाप करते हैं।
बाड़मेर। खरतरगच्छ की राजधानी नगर की धन्यधारा पर परम पूज्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशलमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में खरतरगच्छ संघ चातुर्मास कमेटी बाड़मेर द्वारा आयोजित अद्वितीय वर्षावास 2019 के अंतर्गत पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व में कल्पसूत्र वांचन के तहत छठे दिन परम पूज्य विरागमुनिजी म.सा. ने स्थानीय जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थित अपार जनभेदनी के समक्ष कल्पसूत्र में प्रथम अधिकार जिनचरित्र का वांचन किया तथा परमात्मा भगवान महावीर के साधनाकाल से मोक्ष तक का विवरण बताया। दोपहर में खागल मौहल्ला स्थित आदिनाथ जिनालय से आदिनाथ परमात्मा की चांदी की पालकी में शोभायात्रा निकाली। चांदी की पालकी पर आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान कर चार श्रद्धालु अपने कंधे पर उठाए चल रहे थे। पालकी के पीछे-पीछे लोग भजन-कीर्तन करते हुए चल रहे थे। पूरे बाजार का भ्रमण करने के बाद शोभायात्रा आराधना भवन पहुंची जहां पर परमात्मा की अष्टप्रकारी पूजा, आरती, मंगल दीपक किया गया। रात्रि में दादावाड़ी में 108 दीपक की महाआरती की गई।
तपस्वियों का बहुमान रविवार को- खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति के कैलाश कुमार चैपड़ा हालावाला़ व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि पर्युषण पर्व में पांच व उसके अधिक उपवास करने वाले तपस्वियों का अभिनंदन रविवार को प्रातः 9.30 बजे स्थानीय आराधना भवन में किया जायेगा एवं चैत्य परिपाटी के तहत् खागल मौहल्ला स्थित पाश्र्वनाथ जिनालय के चतुर्विध संघ के साथ दर्शन किए जायेगें तत्पश्चात् वही पर भक्तामर का पाठ होगा। रात्रि में स्थानीय वसी कोटड़ा चैबीस गांव भवन में अरिहंत कांकरिया एण्ड पार्टी ब्यावर द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी जायेगी।
- पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व होगें भव्य कार्यक्रम
बाड़मेर। जैसे-जैसे धन बढ़ा, सुख-सुविधाएं बढ़ी वैसे-वैसे पाप करने के साधन बढ़ते गए। जब जमीन ही खराब होगी तो फल अच्दा कहां से आयेगा। उसी तरह जब शील ही सुरक्षित नही होगा तो संस्कारवान संतान कहां से आयेगी। 16वीं-17वीं शताब्दी के आसपास शांत सुधारक गं्रथ के रचियता महोपाध्याय विनयविजयजी महाराज ने अपने ग्रंथ में इस संसार को भयानक जंगल की उपमा दी है। कर्मों की वर्गणा पांचों आश्रवों मिथ्यात्व, अविरति, प्रमाद, कषाय, योग के द्वारा प्रतिपल हमारी आत्मा पर लग रही ही लेकिन फिर भी हमने इस संसार को सुखमय माना है जबकि यह असत्य है। ज्ञानियों ने इस संसार को भयंकर दुःखमय बताया है। यह बात गणाधीश पन्यास प्रवर श्री विनयकुशलमुनिजी म.सा ने कही।
प्रखर प्रवचनकार विरागमुनिजी महाराज ने अद्भुत वर्षावास 2019 के अन्तर्गत जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में उपस्थिति जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भूतकाल में अनेक आत्माओं ने मात्र इतना विचार किया कि मैं प्रभु के पास जाऊं, इतने मात्र विचार से उनको केवलज्ञान हो गया। पाप करना दुष्कर नही हैं अनादिकाल से इस जीव की प्रवृति पाप करने की रही है। इस जगत का कोई ऐसा पाप नही है जिसका सेवन इस जीव ने नही किया हो। भूतकाल में अनंतानंत बार पापों का सेवन किया है। पाप करना दुष्कर नही है बल्कि पापों की सम्यक प्रकार से आलोचना करना अतिदुष्कर है।
मुनिश्री ने कहा कि आत्मा की चिंता करने वाले गुरू भगवंत मिलना अत्यंत दुष्कर है। प्रभु ने जो धर्म बताया और वर्तमान में हम जो धर्म कर रहे है उसमे रात-दिन व जमीन-आसमान का अंतर है। परमात्मा द्वारा प्ररूपित धर्म हाथी जैसा और वर्तमान में हम जो धर्म कर रहे है वो हाथी की विष्ठा जैसा है। भूतकाल में हमने मेरूशिखर जितना ढेर लगे उतनी बार रजोहरण ले लिए, चारित्र वेश ले लिया लेकिन आत्मानुभूति वाला जीवन एक बार भी नही जीया। जीवन हमारा प्रभु वचनों के खिलाफ जी रहे है और भावना आत्मकल्याण की भा रहे है जो कभी संभव नही है।
मुनिश्री ने कहा कि अनादिकाल से जीव की इच्छा सुखी बनने की रही। जिस पदार्थ में दुःख है तथा दुःख का कारण है फिर भी हम उसे सुख प्राप्ति का कारण समझा। प्रभु ने जहां दुःख कहा हमने वहां-वहां सुख की खोज की। इस जीव ने धर्म भी ऊपरी तौर पर किया। धर्म भी किया तो मात्र संसारवृद्धि की कामना के लिए किया। आज तक प्रभु को जिस भाव से जानना था, मानना था उस भाव से कभी प्रभु के पास गये ही नही। श्रीपाल राजा ने मात्र एक नवपद की ओलीजी की उसके प्रभाव से शरीर के रोग तो गया ही साथ में भवरोग भी मिट गया। मात्र एक भव भी परमात्मा की आज्ञा मुजब जी ले तो भवरोग ही मिट जाए।
पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व होगें विभिन्न कार्यक्रम- श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति, बाड़मेर के सचिव रमेश पारख व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि जैन धर्म का महान पर्व पर्वाधिराज पर्यषण का आगाज सोमवार को होगा। महापर्व के अन्तर्गत स्थानीय जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशलमुनिजी म.सा. की निश्रा में दिनांक 26 व 27 अगस्त को प्रातः 8.30 बजे अष्ठानिका पर्व प्रवचन, 28 अगस्त को प्रातः 8.30 बजे व दोपहर में 2 बजे से कल्पसूत्र वांचना, 29 अगस्त को प्रातः कल्पसूत्र वांचन, मणिधारी दादा गुरूदेव जिनचन्द्रसूरि महाराज की पुण्यतिथि, सांय 4 बजे पाक्षिक प्रतिक्रमण, 30 अगस्त को प्रातः कल्पसूत्र वांचन, महोपाध्याय देवचन्द्रजी महाराज की पुण्यतिथि, दोपहर 2 बजे सपनाजी उतारना एवं भगवान महावीर जन्मवांचन, सांय 6 बजे प्रतिक्रमण, 31 अगस्त को प्रातः व दोपहर में कल्पसूत्र वांचन, रेवाड़ी 1 सितम्बर को कल्पसूत्र वांचन, 2 सितम्बर को संवत्सरी महापर्व, मूल बारसा सूत्र वांचन, चैत्य परिपाटी, सांय 4 बजे संवत्सरी प्रतिक्रमण, 3 सितम्बर को तपस्वियों की भव्य शोभायात्रा, 4 सितम्बर को सामुहिक तपस्वियों का पारण तथा प्रतिदिन रात्रि मंे 8 बजे भव्य भजन संध्या का आयोजन स्थानीय वसी कोटड़ा चोबीसगांव भवन में होगा जिसमें अरिहंत कांकरिया एण्ड पार्टी ब्यावर द्वारा भव्य भजनों की प्रस्तुतियां दी जायेगी साथ ही प्रतिदिन परमात्मा की अंगरचना, सामायिक, प्रतिक्रमण, पौषध आदि धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
जोधपुर (क्राइम रिपोर्टर एस.कुमार)। संभाग के बाड़मेर जिले में बुधवार देर रात एक प्रेमी युगल ने एक-दूसरे के सामने खड़े होकर गोली मार आत्महत्या कर ली। इससे पहले दोनों ने रेतीले टीले पर बैठकर देसी पिस्टल के साथ फोटो ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे के सामने अपनी-अपनी कनपटी पर गोली मार ली। सुबह दोनों के शव एक साथ देख गांव में सनसनी फैल गई और मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। बाद में पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर कार्रवाई की।
पुलिस ने बताया कि बाड़मेर के लीलसर गांव के रहने वाले शंकर व पन्नू के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों के घर वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। बुधवार शाम दोनों अपने घरों से निकले और गांव की सरहद पर सुनसान क्षेत्र में बैठ गए। दोनों ने वहां बैठकर देसी पिस्टल के साथ फोटो निका कर दोस्तों को भेजी। इसके बाद एक-दूसरे के सामने खड़े होकर अपनी-अपनी कनपटी पर गोली मार ली। दोनों की मौके पर मौत हो गई। दोनों के हाथ में पिस्टल बरामद की गई। मौके पर बीयर की कुछ बोतलें पड़ी थी। सुबह किसी ग्रामीण ने दोनों के शव देखे। इसके बाद गांव में और पुलिस को सूचना दी। दोनों प्रेमियों को इस हालत में देख सभी दंग रह गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया और उनके पोस्टमार्टम करवाए। प्रेम प्रसंग के चलते गोली चलाकर आत्महत्या का सम्भवत: यह पहला मामला बताया गया है।
- प्रदेश के कृषि विभाग ने कमर कस ली है।
जोधपुर (सेवा भारती रिपोर्टर)। सरहदी जिले जैसलमेर में हाल ही हुए टिड्डियों के हमले के दौरान हुई दिक्कतों से निपटने के लिए अब प्रदेश के कृषि विभाग ने कमर कस ली है। कृषि विभाग ने एक तबादला सूची जारी की है, जिसमें 77 सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षकों के नाम है। खास बात यह है कि इन सभी का जैसलमेर जिले में रिक्त पदों पर तबादला किया गया है। इससे इस बात की आशंका बढ़ती जा रही है कि जैसलमेर में एक बार फिर टिड्डियों का हमला हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ये तबादले किए गए है। ताकि भविष्य में टिड्डियों के हमले के दौरान किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इनमें 14 सहायक कृषि अधिकारी और 63 कृषि पर्यवेक्षक है।
दरअसल संयुक्त राष्ट्र के कृषि संगठन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार यमन व ईरान बड़ी संख्या में टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं। इन टिड्डियों ने वहां बड़ी संख्या में अंडे दिए। इनसे बच्चे निकलते ही ये झुंड आगे बढऩा शुरू होंगे। इन टिड्डियों के पाकिस्तान होते हुए भारत आने की संभावना है। ईरान व पाकिस्तान में टिड्डियों को रोकने के प्रभावी उपाय नहीं किए जाते है। एेसे में इस बात की आशंका बढ़ती जा रही है कि जून के आखिर में भारतीय क्षेत्र विशेषकर जैसलमेर में टिड्डियों का बड़ा हमला हो सकता है। इसे देखते हुए टिड्डी नियंत्रण संगठन ने आम लोगों से डेजर्ट लोकस्ट को देखते ही तुरंत उनसे सम्पर्क करने की अपील की है। एफएओ ने मानसून के मौसम को देखते हुए अक्टूबर तक एक और ब्रीडिंग होने की चिंता जताई है। इससे पहले भारत में 21 मई को जैसलमेर में टिड्डी रिपोर्ट की गई थी। इसके बाद टिड्डी नियंत्रण संगठन की ओर से लगातार एंटी लोकस्ट स्प्रे मैलाथिन का छिडक़ाव किया जा रहा है। मई में कुछ टिड्डियों के अण्डे देने से नजर आ रहे हॉपर्स को मारा जा रहा है।
बाड़मेर/गडरारोड।राजस्थान के बाड़मेर के सीमावर्ती क्षेत्र में गायों की मौत और चारे-पानी की किल्लत के लिए राज्य के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ( Harish Chaudhary ) ने केंद्र की मोदी सरकार ( Narendra Modi Government) को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने ग्रामीणों को नसीहत दी, मोदी सरकार से कहिए कि इसका समाधान करे, अच्छे दिन लाए।चौधरी ने कहा कि केन्द्र ने आपदा प्रबंधन के नियम बदल दिए इसलिए यह समस्या आ रही है। भाजपा व उससे जुड़े संगठन गौसेवा का दावा करते हैं लेकिन नारेबाजी तक सीमित हैं। अडाणी और अंबानी के लिए काम करने वाली भाजपा को आम आदमी से लेना-देना नहीं है। राजस्व मंत्री गुरुवार को कस्बे में पंचायत समिति कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्हें स्थानीय निवासी किशनलाल ने ज्ञापन सौंप कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में 12 बीघा का नियम हटाते हुए पशु शिविर लगवाएं। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार जिम्मेदार है, उसी से बात करो।इसके बाद कहा, मनमोहन सरकार के समय एनडीआरएफ के माध्यम से केवल बाड़मेर नहीं बल्कि पूरे देश में अकाल के दौरान गायों के लिए चारे की व्यवस्था केंद्र सरकार करती थी। मोदी सरकार ने नियम बदल दिया व चारे की कटौती कर केवल लघु सीमांत कृषक कर दिया। नियम केंद्र ने बदला इसलिए जाकर उसी से मांग करो। इस नियम के कारण कितनी गायें मर रही हैं, इसका उन्हें अंदाजा नहीं है।
रानीगांव/बाड़मेर । जहां एक तरफ भीषण गर्मी के बाद जिले ही नही बल्कि कई स्थानों पर जल का संकट खड़ा हो गया । वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में जल की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद भी ग्रामीणों को पर्याप्त जल आपूर्ति नही की जा रही है । बल्कि महिलाओं को पेयजल के लिए भीषण गर्मी में जल होदियों के पास कतार में इंतजार करना पड़ रहा है । ऐसे ही हालात जिला मुख्यालय से महज् 18 किलोमीटर दूर स्थित राणीगांव ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पिछले कई माह से चल रहे है । जहां ग्राम पंचायत रानीगांव द्वारा सरकारी योजना के मार्फत् आमजन को सुविधा प्रदान करते हुए वर्ष 2017-18 में घर-घर नल कनेक्शन किए गए और उन नलों में जल आपूर्ति के लिए पाईप लाईनें बिछवाई गई । मगर पिछले तकरीबन एक वर्ष से जल आपूर्ति के अभाव में घर-घर लगे नल और जमींदोज हो रखे पाईप कबाड़ हो रहे है । वहीं जब आमजन द्वारा गांव में पेयजल हेतु कार्यरत कर्मचारियों को इन नलों में पानी की आपूर्ति के लिए कहा जाता है तो वे कार्मिक किसी प्रकार का सीधा जवाब नही देते हुए दो टृक शब्दों में मना कर रहे है । जिसके चलते आमजन को कई परेशानियों व भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में घर-घर लगे नलों से पेयजल के आने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है । जिससे घर-घर पहुंचे नल जल की बेमियाद उम्मीदों के चलते दम तोड़ते नजर आ रहे है । कहीं कहीं तो लोगों ने नल में जल आने की टूटी उम्मीदों के चलते गांव में कार्यरत कर्मचारियों को अब जल के लिए अनुनय-विनय करना तक छोड़ दिया है । ऐसे में प्रशासन व सरकार को चाहिए कि वो आमजन की समस्या का शीघ्र समाधान कर प्यासे नलों में जल रूपी जीवन का संचरण कर ग्रामीणों को राहत व सुविधा प्रदान करावें । आमजन की समस्या को नजरअंदाज करने के चलते लाखों की बेहतरीन योजना की इन दिनों मिट्टी पलीत हो रही है । वहीं जल की बाट जोह रहे नल व उनके इर्द-गिर्द बने ओटे दम तोड़ रहे है । ‘‘घर-घर लगे नलों में विभाग को शीघ्र जलापूर्ति करनी चाहिए जिसके लिए हम संघर्ष करेंगें और जल आपूति हमारा अधिकार है जो हम लेकर रहेंगें । जरूरत पड़ने पर हम अनशन जैसे सत्याग्रह का रास्ता अपनाने को तैयार है ।’’